"कंजूस आदमी"
"कंजूस आदमी"
किराने की एक दुकान में एक ग्राहक आया और दुकानदार
से बोला-भईया, मुझे 10 किलो बादाम दे दीजिए।
दुकानदार 10 किलो बादाम तौलने लगा।
तभी एक कीमती कार उसकी दुकान के सामने रुकी
और उससे उतर कर एक सूटेड बूटेड आदमी दुकान पर आया, और बोला-भाई 1 किलो बादाम तौल दीजिये।…दुकानदार ने पहले ग्राहक को 10 किलो बादाम दी,
फिर दूसरे ग्राहक को 1 किलो बादाम दी..।
जब 10 किलो बादाम वाला ग्राहक चला गया
तब कार सवार ग्राहक ने कौतूहल वश दुकानदार से पूछा-
ये जो ग्राहक महाशय अभी गये है,
यह कोई बड़े आदमी है
या इनके घर में कोई कार्यक्रम है
क्योंकि ये 10 किलो बादाम लेकर गए हैं।
दुकानदार ने मुस्कुराते हुए कहा-अरे नहीं भइया,
ये एक सरकारी विभाग में चपरासी हैं,
लेकिन पिछले साल जब से इन्होंने एक विधवा
से शादी की हैं।
जिसका पति लाखों रुपये उसके लिए छोड़ गया था,
तब से उसी के पैसे को खर्च कर रहे हैं..ये महाशय
10 किलो बादाम प्रत्येक माह ले जाते हैं। "
इतना सुनकर दूसरे ग्राहक ने भी 1 किलो बादाम कि
बजाय 10 किलो बादाम ले ली।
10 किलो बादाम लेकर जब घर पहुँचे
तो उसकी बीवी चौंक कर बोली-ये किसी और
का सामान उठा लाये क्या?
10 किलो बादाम की क्या जरूरत अपने घर में..?
भैय्या जी ने उत्तर दिया-पगली मेरे मरने के बाद
कोई चपरासी मेरे ही पैसे से10 किलो बादाम खाए..
तो जीते जी, मैं क्यों 1 किलो बादाम खाऊं..।"
निष्कर्ष: अपनी कमाई को बैंक में जमा करते रहने
के बजाय अपने ऊपर भी खर्च करते रहना चाहिए।
क्या पता आपके बाद आपकी गाढ़ी कमाई का
दुरुपयोग ही हो।
इन्जॉय करिये जीवन के हर पल को।
मौज करो, रोज करो, नहीं मिले तो ख़ोज करो
और अंत में मुस्कुराते हँसते रहो।।
कसम से कलम से
