"कांग्रेस बैलगाम तानाशाह"
"कांग्रेस बैलगाम तानाशाह"
भाजपा बैलगाम तानाशाह बात समझाते हो ना।
परन्तु कांग्रेस भी सत्तारूढ़ समय में ऐसी ही थी।
कांग्रेस राज में जनता भुगत भोगी हैं।
काठ कि हांडी दोबारा नहीं चढ़ती।
क्या गारंटी कांग्रेस फिर सत्तारूढ़ हो के
पुनःतुम फिर भाजपा जैसा घमंड नहीं करोंगे।
कांग्रेस खुद के राज में बैलगाम तानाशाह
रूख कि जनता से पहले माफ़ी मांगे।
ऐसी भूल पुनःकभी नहीं दोहराने का वचन दें।
तब जनता कांग्रेस कुछ के पक्ष में सोच सकती हैं।
रूठो को मनाना एवं फटे कपड़ों कि सिलाई जरूरी हैं।
सांप टेढ़ा होकर बिल में नहीं घुस सकता हैं।
एकदम सीधा सठ हो के बिल घुस सकेगा।
1.-जनता से ग़लती कि माफी
2.-भूल नहीं दोहराने का वचन
भोले बाह्मण गाय खाई फेर खाये तो राम दुहाई
"जय जवान जय किसान"