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Vijay Kumar Vishwakarma

Tragedy Children

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Vijay Kumar Vishwakarma

Tragedy Children

पिंजरा

पिंजरा

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"मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है ...... ।" टीवी पर एक पुरानी फिल्म का गाना प्रसारित हो रहा था । 

"अंगने मतलब क्या होता है ?" - मौली अपनी मम्मी से पूंछी । उसकी मम्मी ने बताया - "अंगने मतलब ... आंगन ।"

"आंगन मतलब ?" - मौली के अगले सवाल से उसकी मम्मी सुजाता सोच में पड़ गई । उस सात मंजिला बिल्डिंग में आंगन जैसी कोई चीज होती तो वह मौली को ठीक से समझा पाती । तभी उसे कामवाली बाई के कच्चे घर का ध्यान आया । वो एक बार कामवाली बाई के बहुत मिन्नत करने पर उसके बेटे के मुडंन संस्कार में कुछ देर के लिए उसके घर गई थी, तब मौली भी जिद करके साथ गई थी । सुजाता मौली को कामवाली बाई के घर की बनावट याद दिलाते हुए आंगन के बारे में बताई ।

मौली कुछ सोचते हुए बोली - "उनके छोटे से घर में आंगन है ... फिर हमारी इतनी बड़ी बिल्डिंग में क्यों नही ?" 

सुजाता ने जवाब दिया - "यह बिल्डिंग विदेशी नकल पर बनी है .... आजकल मार्डन हाउस ऐसे ही बन रहे हैं ... फ्लैट के आजु बाजु फ्लैट ... सामने फ्लैट पीछे फ्लैट .... जगह की कमी है न ।"

मौली सोफे से उतर कर फर्श पर उछल कूद करते हुए बोली - "काश हमारे फ्लैट में भी उस तरह का आंगन होता ... मैं भी उसमें दौड़ती ... कूदती ... नाचती ।" 

सुजाता उसको नाचते और चक्कर लगाकर घूमते हुए देखकर खिलखिला उठी, बीच बीच में वह टोंकती जाती - "सम्हलकर ... फर्नीचर लगवाना नही ... ध्यान से ।"

अचानक मौली हांफते हुए फर्श पर ही बैठ गई । वह तेजी से सांस लेने का प्रयास कर रही थी । सुजाता उसकी हालत देखकर घबरा गई । उसने मौली को उठाकर बेड पर लिटाया और तुरंत ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर बेड के पास खींचकर उसके मुँह में ऑक्सीजन मास्क लगा दी । मौली पर नजरे जमाए हुए वह फौरन डाॅक्टर को फोन लगाई फिर मौली के पापा को भी काॅल कर दी ।

बद्हवास हालत में मौली के पापा घर पहुंचे, कुछ देर बाद डाॅक्टर भी आ गये । मौली की अच्छी तरह से जांच करके वे बोले - "घबराने की बात नही है ... अब ऑक्सीजन लेवल नार्मल है ... ।" 

डाॅक्टर घर में चारो ओर नजर दौड़ाते हुए बोले - "वेंटिलेशन की व्यवस्था कर लीजिए ... कब तक कृत्रिम ऑक्सीजन से काम चलायेंगे .... और हाँ इस तरह बंद कमरे में अपनी बेटी को ज्यादा उछल कूद करने से बचाईये ... हो सके तो किसी नेचुरल टूरिस्ट प्लेस की सैर कर आईये .... यह आपकी बेटी और आप दोनो के सेहत के लिए भी बेहतर होगा ।"

सुजाता और उसके पति एक दूसरे की ओर देखते हुए सहमति के संकेत में सिर हिलाए । डाॅक्टर के जाने के बाद वे दोनो मौली के पास बैठ गये और उस पिंजरे को घूरने लगे जिसे वे बेहद मंहगे दाम एवं बड़े अरमानों से खरीदे थे ।


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