Vijay Kumar Vishwakarma

Others

4  

Vijay Kumar Vishwakarma

Others

भ्रम

भ्रम

5 mins
390


"आओ सुनाऊँ प्यार की एक कहानी, एक था लड़का एक थी लड़की दीवानी"


कृष फिल्म का गाना गुनगुनाते हुए मिताली अपने बिस्तर का चादर बदल रही थी तभी पीछे से दबे पांव आकर किट्टू बिस्तर पर धम्म से गिर गयी । मिताली उसे चौंक कर देखती रह गई । किट्टू मुस्कुराते हुए आँखें मटकाकर बोली - "फिर क्या हुआ ?"


मिताली अपनी आँखें सिकोड़ते हुए बोली - "क्या फिर ?" किट्टू अभी भी मुस्कुरा रही थी । वह बिस्तर पर लेटे लेटे बोली - "उसी लड़के और लड़की की कहानी का फिर क्या हुआ ?"


मिताली के माथे पर एक पल के लिए बल पड़ा फिर वह भी मुस्कुराने लगी । वह बिस्तर पर बैठते हुए बोली - "अरे वो तो मैं यूँ ही एक गाना गुनगुना रही थी ।"


"तो फिर गाना गुनगुनाते हुए कोई रोमांटिक प्यार भरी कहानी सुनाओ न मौसी" - मिताली के बराबरी से बैठते हुए किट्टू बोली । मिताली ने उसे हैरानी के साथ देखते हुए सवाल जड़ा - "क्या बात है आज बड़ा प्यार व्यार की बात कर रही हो, कहीं कोई .... ?"


"दिल विल प्यार व्यार मैं क्या जानूं रे .... दिल विल प्यार व्यार .... "


किट्टू शरारती नजरों से मिताली को घूरते हुए एक पुराने फिल्मी गाने का मुखड़ा गुनगुनाते हुए खिलखिलाकर हंस पड़ी और फिर अपने सिर के ऊपर अपनी हथेली उठाकर बोली - "अभी तो मैं बच्ची हूं मौसी इश्क विश्क के बारे में क्या जानूं ?"


मिताली अपनी थोडी पर हाथ रखते हुए बोली - "अरे हां मेरी सत्रह साल की लिटिल डॉल, आजा मेरी गोद में लेट जा तुझे लोरी सुना दूं ।"


"मेरे घर आई एक नन्ही परी, एक नन्ही परी, चांदनी के हसीन रथ पे सवार .... "


मिताली के मुंह से सुरीला गाना सुनकर किट्टू खिलखिलाते हुए सचमुच उसकी गोद में अपना सिर रखकर आंखे बंद कर ली । मगर जैसे ही मिताली चुप हुई किट्टू टपाक से अपनी आंखे खोल कर बोल पड़ी - "क्या हुआ मौसी जी, लोरी खतम ?"


मिताली उसके सिर को उठाते हुए बोली - "उफ, ये मेरे नाजुक से पैर हैं तुम्हारा तकिया नही ।" किट्टू तुरंत उठ बैठी और मिताली के पैर सहलाते हुए बोली - "हाय री मेरी मौसी के छुईमुई से पैर ।"


मिताली उसके हाथ हटाते हुए बोली - "अब जाओ यहां से मुझे अपने बाल सवांरने हैं ।" किट्टू गंभीर मुद्रा में खड़ी हुई फिर मिताली को अपना जूड़ा खोलते हुए देखकर गुनगुनाने लगी -


"ये रेशमी जुल्फें, ये शरबती आंखे, इन्हें देखकर जी रहे हैं सभी, इन्हें देखकर जी रहे हैं सभी ...."


"अच्छा" - मुस्कुराते हुए मिताली पूछी - "कौन हैं ये सभी ?" किट्टू बिना एक पल गवांये बोल पड़ी - "मैं, मम्मी-पापा और ..... ?"


"और ....?" - मिताली किट्टू को सवालिया नजरों से घूरी । किट्टू लापरवाही के साथ हाथ हिलाते हुए बोली - "और मेरे होने वाले मौसा जी ।"


मिताली अपने कमर में मुठ्ठी बंधे हाथ टिकाते हुए पूंछी - "अब ये होने वाले मौसा जी कहां से आ गये ?"


"मेंहदी लगा के रखना, डोली सजा के रखना, लेने तुझे ओ गोरी आयेंगे तेरे सजना .... "


मटकते हुए किट्टू यह गाना गाने लगी । मिताली उसे हैरत के साथ देखती रही और जैसे ही किट्टू का गाना थमा मिताली ने सवाल दागा - "माजरा क्या है, सच सच बता ?"


किट्टू भाव खाते हुए थोड़ी देर तक चुप रही फिर मिताली को अधीर होता देख मुस्कुराते हुए बोली - "कुछ देर पहले नाना का फोन आया था, मम्मी से कह रहे थे कि आपके लिए जोर शोर से दूल्हा ढूंढ़ रहे हैं ।"


"उफ" - बिस्तर पर निढ़ाल होकर बैठते हुए मिताली बोली - "पिताजी के लिए बस यही एक काम बचा है, मैं बता चुकी हूं कि जब तक मेरा पीएससी में सलेक्शन नही हो जाता मैं शादी नही करूंगी ।"


"मम्मी ने भी यही कहा नाना जी से" - मिताली के बगल में बैठते हुए किट्टू बोली - "मम्मी ने कहा कि इसीलिए आपको अपने पास रखकर कोचिंग करा रही हैं जिससे आप अपना सपना साकार कर सको ।"


"सचमुच मेरी दीदी मेरा कितना ख्याल रखती है ।" - मिताली भावुक होते हुए बोली ।


"आखिर मां किसकी है ?" - किट्टू कुछ इस अदा से बोली कि मिताली के चेहरे पर मुस्कुराहट नजर आने लगी । किट्टू फौरन मिताली के दोनो हाथ पकड़ कर खड़ी हो गई और मटकते गाते हुए मिताली को भी नाचने के लिए अपनी ओर खींची ।


"हंसता हुआ नूरानी चेहरा, काली जुल्फें रंग सुनहरा, तेरी जवानी तौबा तौबा रे, दिलरूबा दिलरूबा .... "


किट्टू और मिताली एक जैसे ठुमके लगाते हुए खिलखिला पड़े । हंसते हंसते दोनो बिस्तर पर लेट गये । दोनो अपनी तेज हुई सांसों के सामान्य होने के लिए चुपचाप लेटी रहीं । कुछ देर के चुप्पी के बाद किट्टू बोली - "मौसी एक सवाल पूंछू ?"


"नहीं कहूंगी, तब भी पूछोगी, इसलिए पूछ ही लो" - मिताली उसकी ओर करवट बदलते हुए बोली । किट्टू छत के ओर देखते हुए कहने लगी - "फिल्मों में कोई भी सिच्यूएशन हो, कितने सुरीले गाने बजने लगते हैं, लेकिन असली जिंदगी में ऐसा क्यों नही होता ?"


"तुम्हारा मतलब है जब हम खुश हों तो घर की दीवारों से, फर्श और छत से, हवाओं से हैप्पी सांग सुनाई देने लगे और दुखी होने पर सैड सांग ?" - मिताली ने पूंछा । "एक्सैक्ट्ली" - किट्टू हामी भरी ।


"बुद्धू, फिल्मे बनावटी होती हैं, उनमें कहानी के साथ गाने पिरोये जाते हैं और उन्हीं गानों को हम अपने मूड के हिसाब से गुनगुना लेते हैं, यह तो तुम भी समझती हो फिर कैसी उलझन ?" - मिताली सवालिया नजरों से किट्टू को एकटक देखते हुए बोली ।


किट्टू पल भर के लिए खामोश रही, फिर बोली - "हीरो हीरोईन जब रोमांस करते हैं तो कितने रोमांटिक गाने बजने लगते हैं, असली जिंदगी में वैसा कभी नही हो सकता फिर भी हमारी उम्र के कितने लड़के लड़कियां इस सच को जानते हुए भी भ्रम में जीते हैं, प्यार-इश्क-मोहब्बत में उलझ जाते हैं, है न मौसी ?"


मिताली किट्टू की बात सुनकर आवाक रह गई । वह किट्टू के माथे को चूमते हुए बोली - "बिल्कुल सच, तुम तो हम सबसे समझदार निकली ।"


किट्टू मुस्कुराते हुए अपनी पलकें बंद कर ली । उसके सिर पर हाथ फेरते हुए मिताली एक बार फिर कृष फिल्म का गाना गुनगुनाने लगी -


"धूप निकलती है जहां से, चांदनी रहती है जहां पे, खबर ये आई है वहां से, कोई तुमसा नही, कोई तुमसा नहीं"



Rate this content
Log in