Vijay Kumar Vishwakarma

Tragedy

3.9  

Vijay Kumar Vishwakarma

Tragedy

पढ़ाई

पढ़ाई

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सरकारी पाठशाला से महज कुछ ही दूरी पर रजनी मैडम की स्कूटी बंद हो गई । वे कई बार सेल्फ स्टार्टर को दबायीं, घिर्र की आवाज होती मगर स्कूटी स्टार्ट नही हुई । बार बार की घिर्र घिर्र की आवाज सुनकर सड़क के किनारे बने घरों से कुछ बच्चे बाहर निकल कर झांकने लगे । वे उसी पाठशाला के विद्यार्थी थे । रजनी मैडम को देखकर वे बच्चे हाथ जोड़कर नमस्ते किये । मैडम मुस्कुरा कर एक नजर उन बच्चों पर डालीं । उनके मैले कुचैले कपड़ों को देखकर उनका मन घिनाने लगा । तभी एक बच्ची ने पूंछा - "मैडम स्कूल कब खुलेगी ?" रजनी मैडम ने उसकी ओर बिना देखे रूखे स्वर में जवाब दिया - "पता नहीं ।"


रजनी मैडम स्कूटी को खींचते हुए स्कूल की ओर जाने लगीं । बच्चों ने एक सुर में पूंछा - "मैडम जी स्कूटी को धक्का लगायें ?" मैडम अपनी नाक पर उंगली फेरते हुए इंकार में सिर हिलाईं और अकेले स्कूटी खींचते हुए स्कूल पहुंच गईं ।

वे लम्बी लम्बी सांसे भरते हुए एक कुर्सी पर जाकर बैठ गईं । उनकी आहट पाकर ज्योत्सना मैडम एक दूसरे कमरे से निकलकर आईं और रजनी मैडम के बगल में बैठकर पूंछने लगीं - "क्या हुआ दीदी, आप हांफ रही हैं ?"


रजनी मैडम बाहर खड़ी स्कूटी की ओर इशारा करते हुए बोलीं - "मुई दरवाजे पर आकर बंद हो गई, वहां से यहां तक खींचकर लाने में सांस फूलने लगी ।"


ज्योत्सना मैडम ने रजनी मैडम से चाभी मांगा फिर बाहर निकल कर स्कूटी को स्टार्ट करने का प्रयास करने लगीं । असफल रहने पर वे रजनी मैडम से पूंछीं - "दीदी स्कूटी में पेट्रोल तो है न ?"


रजनी मैडम ने हाथ हिलाकर कहा - "होगा क्यों नहीं, कल ही तो डलवाई हूँ पचास रूपये का ।" 

"पचास रूपये का ?" - चौंकते हुए ज्योत्सना मैडम ने उंगलियों के इशारे से कहा - "पचास रूपए में इत्तू सा पेट्रोल आता है ।"


रजनी मैडम बुरा सा मुंह बनाते हुए बोलीं - "बताओ भला, मंहगाई कितनी बढ़ गई, जाने क्या होगा हम लोगों का ?"


ज्योत्सना मैडम हंसते हुए बोली - "हम लखपत्नियाँ तो ठीक हैं, सोचिए उन लोगों का क्या होगा, जिनके पास न रोजगार है न कोई धंधा ।"


रजनी मैडम अपनी बाॅटल का ढ़क्कन खोलकर पानी का दो घूंट पीकर बोलीं - "हाँ इस महामारी के कारण बहुतों का नुकसान हुआ, मगर हम लोगों को तो बड़ा आराम मिला बच्चों के बीच दिमाग खपाने से ।"


ज्योत्सना मैडम चिंतित स्वर में बोलीं - "यह दूसरा साल है बच्चों के बिना पढ़ाई का, इस तरह तो वे सब कुछ भूल जायेंगे ।"

रजनी मैडम हाथ हिलाकर बोलीं - "अरे छोड़ो इस पढ़ाई वढ़ाई को, यह सोचो मैं वापस कैसे जाऊँगी, आज मुझे बैंक भी जाना था एक एफडी रिन्यू कराने के लिए ।"


ज्योत्सना मैडम तुरंत बोलीं - "तो बिट्टू के पापा को काॅल करके बुला लीजिए न, और हाँ किसी खाली डिब्बे में पेट्रोल भी मंगवा लीजिएगा अपनी स्कूटी के लिए ।"


रजनी मैडम अपने माथे को खुजाते हुए बोलीं - "अरे बताया तो था तुम्हें बिट्टू के स्कूल की ऑनलाइन क्लास के बारे में । इन दिनों मुझे अपना स्मार्टफोन घर में ही छोड़ना पड़ता है उसकी पढ़ाई के लिए । तुम एक काम करो अपने मिस्टर से कहके पाॅनी की खाली बाॅटल में पेट्रोल मंगवा दो, प्लीज ... ।"


ज्योत्सना मैडम मुस्कुराते हुए बोली - "ठीक है दीदी, आप चिंता न करें मैं उन्हें काॅल कर देती हूँ ।"


कुछ देर बाद ज्योत्सना मैडम के पति एक बाॅटल में पेट्रोल लेकर अपनी बाईक से आये और रजनी मैडम की स्कूटी में पेट्रोल डालकर स्टार्टर दबाये । स्कूटी स्टार्ट हो गई । तीनों के चेहरों पर तसल्ली के भाव नजर आने लगे ।


रजनी मैडम स्कूटी लेकर बैंक के लिए निकल गईं ताकि लंच के पहले ही वे अपना एफडी रिन्यू करा सकें । बैंक पहुंचकर वे पहले अपना पासबुक अपडेट कराईं । पिछले कई महीनों से उनका पासबुक अपडेट नही था । पासबुक की इन्ट्री देखकर उन्हें चक्कर आने लगा । उनके खाते से लगभग तीन लाख रूपए गायब थे । घबराते हुए रजनी मैडम ब्रांच मैनेजर के पास पहुंची और अपने पासबुक को दिखाकर खाते से गायब रूपयों के बारे में सवाल पूंछने लगी ।


बैंक मैनेजर ने कम्प्यूटर में अच्छी तरह से जांच पड़ताल करके बताया कि खाते से लिंक मोबाईल नम्बर से ओटीपी वेरिफाई होने के बाद ही दर्जनों बार किसी ऑनलाइन गेम के वेबसाईट में रूपये ट्रांसफर हुए हैं । बैंक मैनेजर ने पुष्टि करने के लिए रजनी मैडम को अपना स्मार्टफोन दिखाने के लिए कहा तो रजनी मैडम अपना माथ पकड़कर वहीं बैठ गईं । उनकी आँखों के सामने अंधेरा छाने लगा ।


बैंक की एक महिला कर्मचारी तुरंत उन्हें सम्हालने और पानी पिलाने के लिए दौड़ पड़ी । बैंक कर्मियों के द्वारा धैर्य रखने की समझाईश के बाद रजनी मैडम संतुलित हुईं । वेे बैंक कर्मियों को अपने बेटे की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए स्मार्टफोन सौंपने के बारे में बतलाईं। बैंक मैनेजर ने कहा कि वे घर जाकर अपने बेटे से आराम से पूंछतांछ करके सच्चाई पता करने की कोशिश करें ।


रजनी मैडम किसी तरह अपने घर पहुंची और अपने बेटे बिट्टू से ऑनलाइन पढ़ाई और गेम के बारे में चतुराई से पूंछतांछ की । सच्चाई सामने आ गई । बिट्टू ने बताया कि गेम खेलते हुए कई बार गेम के एडवांस हथियार खरीदने के लिए उसने ऐप के लिंक को क्लिक कर मैसेज बाॅक्स में आये ओटीपी से वेरीफाई किया था और इसी कारण वह गेम के हाॅई लेवल तक पहुंच सका ।


रजनी मैडम बिट्टू पर बहुत नाराज हुई । उनके चिल्लाने से बिट्टू डर के मारे कांपने लगा । वह रोते हुए अनवरत स्वारी कहे जा रहा था जबकि अर्धविक्षिप्त अवस्था में रजनी मैडम कभी चिल्लातीं तो कभी रोने लगतीं ।


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