Vijay Kumar Vishwakarma

Children Stories Inspirational

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Vijay Kumar Vishwakarma

Children Stories Inspirational

असर

असर

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एक कामकाजी माँ के रूप में मिताली ऑफिस के काम के साथ घर को भी सम्हालती और अपने एकलौते बेटे विक्की का भी पूरा ख्याल रखती । विक्की आठ साल का हो चुका था । वह बचपन से ही शरारती था । वह दिनभर उछलकूद में मस्त रहता और सांयकाल जैसे ही मिताली घर लौटती, वह मम्मी का मोबाईल लेकर गेम खेलने में व्यस्त हो जाता ।


घर के काम निपटाकर जब मिताली उसे पढ़ाने बैठती तो विक्की की नौटंकी शुरू हो जाती । वह थोड़ी देर और खेलने की जिद करता या फिर नींद आने का बहाना बनाकर चुपचाप लेट जाता । मिताली उसकी आदत से परेशान हो चुकी थी । फिर मिताली उसे हर रोज एक मनोरंजक कहानी सुनाने के बहाने किताबी ज्ञान के साथ व्यवहारिक सीख भी देने लगी । विक्की बड़े ध्यान से मिताली की कहानी सुनता और कहानी के अंत में दर्जन भर सवाल पूंछता । मिताली हंसते हुए उसके प्रत्येक सवाल का दिलचस्प जवाब देती जिससे विक्की की समझ बढ़ने लगी ।


उस रोज मिताली विक्की को लेकर अपने मायके जा रही थी । वे ट्रेन के जनरल डिब्बे में खिड़की के पास आमने-सामने बैठे थे । विक्की की सीट के ऊपर रैकनुमा बर्थ में कोई यात्री चादर बिछाये सो रहा था । गहराती रात के साथ सीट पर बैठे अन्य यात्री भी ऊंघने लगे । मिताली की आँखे भी झपकने लगीं मगर विक्की मोबाईल पर गेम खेलने में व्यस्त था । मिताली अपनी कलाई में बंधी घड़ी देखते हुए विक्की से मोबाईल छुड़ा कर अपने बैग में रख ली और उसे भी सोने के लिए बोली । मगर विक्की मुंह फुला कर बैठ गया । मिताली कुछ कुछ देर में अपनी पलके धीरे से खोलकर विक्की पर नजर रखे हुए थी । हिलती डुलती ट्रेन में विक्की उदास बैठा था, तभी उसकी गोद में ऊपर लेटे यात्री का मोबाईल गिरा ।


विक्की चौंक कर मोबाईल को उलट पलट कर देखा और फिर सिर उठा कर बेसुध सोये उस यात्री को निहारने लगा । विक्की चारो ओर नजर दौड़ाया, सभी की आँखे बंद थी । वह उस मंहगे मोबाईल को कुछ पल देखता रहा और फिर खड़े होकर ऊपर लेटे यात्री को जगाकर बोला - "अंकल, आपका मोबाईल, नीचे गिर गया था ।"


वह यात्री हड़बड़ा कर उठा और मोबाईल अपने हाथ में लेकर विक्की को प्रशंसा भरी नजरों से देखा । वह यात्री मुस्कुराते हुए विक्की के सिर पर हाथ फेरते हुए थैंक्यू बोला ।


मिताली अधखुली आँखों से पूरा माजरा देख रही थी । वह विक्की की नेक नीयत पर गदगद हो गई । उसका मन किया कि वह अपने बैग से अपना मोबाईल निकालकर विक्की को पुरस्कार स्वरूप गेम खेलने के लिए तुरंत दे दे मगर वह जानती थी कि हर वक्त मोबाईल पर गेम खेलना बच्चों के लिए उचित नहीं । वह उस घटना से अन्जान बनी रही और आँखें बंद किये मन ही मन ईश्वर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने लगीं कि विक्की उसकी सुनाई कहानियाँ और उनसे मिली सीख को अपने जीवन में उतारने में सफल रहा ।



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