गृहलक्ष्मी के यूँ घर छोड़ कर चले जाने से व्यथित दहलीज अपनी व्यथा बयान करती है गृहलक्ष्मी के यूँ घर छोड़ कर चले जाने से व्यथित दहलीज अपनी व्यथा बयान करती है
"मम्मी जब से आप गयीं हैं यहाँ से, यह घर जैसे काटने को दौड़ता है। न मम्मी की प्रेम भरी आवाज सुनाई देती... "मम्मी जब से आप गयीं हैं यहाँ से, यह घर जैसे काटने को दौड़ता है। न मम्मी की प्रेम...
क्या हुआ भाभी सा आभूषण तो स्त्री जात की शान होते है और एक आप है----क्या आपको आभूषण पहनना पसंद नहीं य... क्या हुआ भाभी सा आभूषण तो स्त्री जात की शान होते है और एक आप है----क्या आपको आभू...
घर का नौकर आंगन के कोने में लगी सूखी बेल को काट कर उसकी जगह नई बेल रोप रहा था। घर का नौकर आंगन के कोने में लगी सूखी बेल को काट कर उसकी जगह नई बेल रोप रहा था।
कह तो मैं रहा था लेकिन आवाज़ शायद नीम में से आ रही थी। कह तो मैं रहा था लेकिन आवाज़ शायद नीम में से आ रही थी।
अब सब बंजर पड़े हुए हैं। बचे-खुचे परिवार खेती करते भी हैं तो जंगली जानवर सब फसल बरबाद कर देते हैं। अब सब बंजर पड़े हुए हैं। बचे-खुचे परिवार खेती करते भी हैं तो जंगली जानवर सब फसल ...