न्याय की ओट में
न्याय की ओट में
1 min
2.6K
आज ग्राम प्रधान यशोदा के आंगन में पंचायत बैठी थी। मामला उनके घर का ही था। सभी लोग आंगन में मौजूद थे। घर का नौकर आंगन के कोने में लगी सूखी बेल को काट कर उसकी जगह नई बेल रोप रहा था।
यशोदा ने अपराधी सुरेखा जो बहू की चचेरी बहन थी को संबोधित कर कहा।
"तुमने मेरे बेटे पर डोरे डाल कर उसे अपने प्रेम जाल में फंसा लिया। एक बार भी अपनी बहन का खयाल नहीं किया। अब तुम्हें मेरे बेटे से शादी कर मेरी बहू की सूनी गोद भरनी पड़ेगी।"
यशोदा की बहू अपनी सास के इस न्याय पर दंग रह गई।