Alaka Kumari

Abstract Classics Inspirational

4.5  

Alaka Kumari

Abstract Classics Inspirational

फर्ज़

फर्ज़

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डाॅ शिल्पा चतुर्वेदी अपने अस्पताल से घर लौटकर आ रही है।

रात के 12बज रहे हैं, अपने कार को डाॅ शिल्पा खुद चला रही है। सड़क सुनसान है, कोई कुत्ता बिल्ली भी न दिखाई दे रहा है।

थोड़ी देर में वो अपने बंगले के पास आ गयी।

रात के 12बज रहे हैं,गार्ड अभी भी जग रहा है।

गार्ड ने दौड़कर दरवाजे को खोला डाॅ शिल्पा गाड़ी को पार्क करके द्वार पर खड़ी होकर बेल बजायी।

मां ने दरवाजा खोला, और प्रश्नों कि जैसे बारिश होने लगी।

रात के 12बज रहे हैं,इस समय तक अस्पताल में क्या हो रहा था?

लड़की जात है कुछ समझ नहीं आता है क्या?

अपने परिवार कि नाक कटायेगी क्या?

पापा अभी कुछ बोलने ही वाले थे,कि भाई बोला।

देखो शिल्पा जब से कोरोना आया है, तब से तुम्हारा घर आने का यही समय हो गया है।

पापा बोले अपनी ये आदत सुधार लें, नहीं तो तुमसे कौन शादी करेगा?

सभी डाक्टर 12बजे नहीं आते हैं,तुम इस समय तक अस्पताल में क्या करती हो?

शिल्पा बिना कुछ बोले अपने कमरे में जाकर स्नान कि।

अलमारी से डायरी निकालकर कुछ लिखना शुरू कि..

कोई विश्वास क्यों नहीं करता है?

आज सबने मुझ पर शक ही किया है।

हम प्रमाण देते तो उस पर विश्वास कर लेते क्या ?

पापा आपको कैसे बताऊं कि मैं मरीजों के लिए जिंदगी जीती हूं, मां अगर मैं प्रमाण दुं,तो आपलोग कहेंगे कि अपनी सफाई दे रही है, इसलिए मैं खामोश हुं।

प्रसव पीड़ा से जिंदगी और मौत से लड़ती उस औरत को मैं कैसे छोड़कर घर आ जाती।

कोरोना के मरीज जो एक उम्मीद लेकर हमारे अस्पताल में आए हैं, उनको हम वैसे ही छोड़कर कैसे आ जाएं।

हम डाॅक्टर पैसों का व्यापार करने के लिए नहीं बने हैं,हम लोगों के भला के लिए डाॅक्टर बनें हैं।

एक डाॅक्टर का फर्ज़ लोगों को इलाज कर उन्हें से स्वास्थ करना है।

इसके लिए हमें अपनी जान ही क्यों न देना पड़ा।

हम अपने फर्ज़ के लिए दुनिया से भी लड़ लेंगे।

डाॅ शिल्पा डायरी को आलमारी में रखकर सो गयी।

अगले दिन सुबह

डाॅक्टर शिल्पा अस्पताल गयी,जब टेस्ट करवायी तो कोरोना पाज़िटिव आयी।

न्यूज चैनल पर हेडलाइन था-

डाक्टर शिल्पा चतुर्वेदी कोरोना कि चपेट में आ गयी है।

डाक्टर शिल्पा चतुर्वेदी कि हालत बहुत गंभीर है, अभी उनके बारे में कुछ कहना मुश्किल है।


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