Kunda Shamkuwar

Abstract Inspirational Others

4.7  

Kunda Shamkuwar

Abstract Inspirational Others

फोल्डर क्रिएशन

फोल्डर क्रिएशन

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Your Gmail is almost full

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मेल में आये इस मैसेज को पढ़ने के बाद मै अपने अकाउंट के अनवांटेड मेल्स को डिलीट करने के लिए जुट गयी....इतने सालों की नौकरी में न जाने कितने सारी मेल्स जमा हो गयी थी। आज इनका अहसास हुआ। ढेर सारी सब्सक्रिप्शन वाली मेल तो सेलेक्ट ऑल करके डिलीट करती गयी। लेकिन एंड में जाकर बहुत पुरानी मेल जो एक कलीग को लिखी थी वह दिखने लगी। मेरा सेलेक्ट ऑल और डिलीट ऑल वाला हाथ रुक गया। उसमे से एक मेल खोल कर पढ़ने लगी। लेकिन उसके बाद मै वह सारी मेल पढ़ते गयी। उन मेल्स में हम दोनों की बातचीत थी... 

बातचीत या फिर मन की बातें?

मन की बातें कहेंगे तो ज्यादा सही होगा।

मेरे जहन में २० -२५ साल पहले की टेक्नोलॉजी की सारी बातें ताज़ा हो गयी....

मुझे याद आया.... उस समय जीमेल अकाउंट इनविटेशन से बनता था .... एकदम प्रीव्लेज्ड वाली फीलिंग हुयी थी जब मेरा यह अकाउंट बना था....

जैसे कोई स्पेशल चीज मिली हो.... आज के लोग नहीं जान पाएंगे ये सब... क्योंकि अब तो मेल अकाउंट युहीं बन जाते है। बस साइन अप करने की देर होती है......  

अभी हम दोनों कलीग अपनी अपनी व्यस्तता के कारण कम मिल पाते है... उन सारी मेल्स को मै बिना रुके पढ़ती गयी और मुझे अहसास हुआ की जैसे मेरी उससे बात चल रही हो....

मै उस समय जो भी मेरे मन में आता  टाइप कर उसको मेल करती थी और वह भी पढ़कर जरूर अभिप्राय देती थी.....मेरी उस समय की नयी नयी राइटिंग थी....और वह मेरी पहली पाठिका ...

मेरी उस वक़्त की कैफ़ियत और  उस पुराने दौर को याद करके मै भावुक हो गयी.... नहीं, इन यादों को मै डिलीट नहीं कर सकूँगी और झट से मैंने एक फोल्डर क्रिएट कर उन सारी मेल्स को सेव कर लिया.....मेरे जैसे राइटर की वे अमूल्य यादें थी.... मेरी रचना संसार की कच्ची पक्की और खट्टी मीठी यादें ...... 


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