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Nivish kumar Singh

Abstract

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Nivish kumar Singh

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पेड़ लगाए

पेड़ लगाए

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पता है मुझे आप सबो ने कोरोना महामारी में बिमारो के लिए oxygen खातिर धन दान करके बहुते लोगों का जान बचाया,, इस अच्छे कामों के लिए हिन्द सदा हृदय से आपका आभारी रहेगा।। 

लेकिन आप सोचिये कबतक हम oxygen कि खरीद बिकरी से जान को बचाए रखेंगे?? 

इंसान तो इंसान है खैर oxygen cylinder का निर्माण करके सभी जीव, जंतु से कुछ पल के लिए ज्यादा जिंदा रह लेगी, लेकिन जो गाय, बकरी, पंछी पक्षी इत्यादि है वे कैसे खुद को जिंदा रखेगी?? 

क्यु न इन सवालों के समाधान के लिए हम सब मिलकर खूब पेड़ लगाए, उन्हें जल पानी देकर बचाए रखने के लिए खुद से जिम्मेदारी ले, 

केवल फल के स्वार्थ में आम, लीची, जामुन इत्यादि को जिंदा न रखे बल्कि नीम, पीपल, बरगद इत्यादि को भी जिंदा रखे। 

पेड़ लगाने में जमीन न होने का बहाना लगभग हममें से अधिको के पास है, लेकिन जो पेड़ जहाँ, जिसने भी लगाया हों उसे तो हम बचा हि सकते है। 

आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मेरे तरह केवल सोशल मीडिया पर उंगलियों को नचा कर, शब्दों कि बारिश करके महा गलती न करे,, बल्कि हाथों को मिट्टी से मिलन कराके पेड़ लगाए जिससे बिमारो के साथ साथ स्वस्थ भी जिंदा रह सके। 

वैसे आज मैं अपने उंगलियों को सोशल मीडिया पर नचा कर गलती इसलिए कर रहा क्यकी अपने उम्र से अधिक पेड़ लगा चुका हूँ और किसी पर्यावरण दिवस के दिन कोई पेड़ नही लगाया क्यकी हर दिन मेरे लिए पर्यावरण दिवस होता हैं। 

“नीचे फोटो में हरियाली के बीचो में, जो मैं खड़ा हु ये मेरे द्वारा लगाया गया पेड़ नहीं हैं पटना चिड़िया घर कि हैं, इसलिए इसे देखके आप मेरा विरोध मत शुरू कर देना,,, मैंने यह फोटो इसलिए share किया क्यकी मेरे पास अच्छे पर्यावरण दृश्य को दिखाने के लिए यही पुरानी फोटो है जिसकी सुंदारता को देखकर आप पर्यावरण कि हरी भरी सुंदरता को महसूस कर सकते हैं,”

 उम्मीद हैं आज आप अपने हाथों का मिलन माटी से कराके खूब पेड़ लगाएंगे, हरियाली को बढ़ाएंगे.. 


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