पापा ठीक हैं न

पापा ठीक हैं न

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"मम्मा! मैं आज रात नहीं सोऊँगी।"


"क्यों क्या हुआ बेटा ?"


"मैं जो भी सपना देखती हूँ, सच हो जा रहा है। मुझे नहीं सोना।"


"ऐसा नहीं होता है बेटा यह सब केवल सोचने की बातें होती हैं।"


"नहीं मम्मा! मैने कल देखा था कि मुझे सुमनने फोन किया। और उसने मुझसे बातें की और जैसे-जैसे उसने बातें की थी जो जो बातें कही थी, उसने वही बातें आज मुझसे कही जब उसने मुझे फोन किया था। मैं तो एकबारगी से चौंक गई थी कि यह मैं सपना देख रही हूँ या सही में मैं सुमन से बात कर रही हूँ।"


"बेटा! संजोग हो गया होगा। हमेशा ऐसा नहीं होता। चलो सो जाओ।"


“नहीं मम्मा! वह तो ठीक है लेकिन अगर मैंने कोई बुरा सपना देख लिया तो।"


"कुछ नहीं होगा भगवान का नाम लो और सो जाओ।"


मैं सोने तो चली गई पर मुझे नींद नहीं आ रही थी। कब आँख लगी, पता नहीं चला। मैने सपना देखा कि मुझे भैया ने फोन किया है और उन्होंने कहा कि देखो मेरे पापा की तबीयत ठीक नहीं है तो जल्दी से आ जाओ कुछ भी हो सकता है। जल्दी आ जाओ। इतना सुन कर मेरी नींद खुल गई और मैं चौक पर जग गई। पूरा चेहरा पसीने से भीगा हुआ था।मैंने जल्दी-जल्दी एक गिलास पानी पिया और फिर मैं सोचने लगी कि सुबह कभी ना हो, कि अगर सुबह हो गई तो मेरा सपना कहीं सच ना हो जाए।


मैने सुबह मम्मी को यह बात बताई पर मम्मी ने ध्यान नहीं दिया और शाम होते-होते जैसे भैया ने फोन किया और उन्होंने कहा कि देखो, “पापा की तबीयत...."। मैने फोन रख दिया। उन्होंने फिर फोन किया तो मैने मम्मा से कहा तुम उठाओ मैं नहीं उठा सकती तो मम्मी ने बात किया, "प्रणाम मौसी। अनु ठीक है न। पापा अब ठीक है आप चिंता मत करिए।"


मम्मी ने कह दिया,"हाँ! सब ठीक है।" तब से मेरा यह डर खत्म हुआ लेकिन आज भी जब वह ख्वाब याद करती हूँ तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते है।


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