डाॅ.मधु कश्यप

Inspirational

3  

डाॅ.मधु कश्यप

Inspirational

आपको भी उनकी आदत हो गई है दीदी

आपको भी उनकी आदत हो गई है दीदी

2 mins
189


"क्या सोच रही मेघा दी !"सोफा साफ करते अंजू ने जब अपनी दीदी को देखा तो पूछ बैठी ।

"कुछ नहीं बस हल्का सिर दर्द है!"

" अभी आपकी फेवरेट ब्लैक कॉफ़ी बना कर लाती हूँ।" अंशु भले मेघा के यहाँ काम करती थी पर उसे अपने दीदी की हर बात पता थी।

"लो दीदी !अपनी कॉफी! अब बताओ क्या बात है? साहेब से झगड़ा हुआ क्या ?" मेघा हँस पड़ी।

"क्यों हँसने लगी दीदी ?"

"अरे पगली ! यह तो रोज की बात है। उनसे झगड़ा होने पर क्या नाराज होना?"

"तो फिर क्या बात है दीदी?"

" तू ही बता क्या आज के जमाने में सच्चे दिल से रिश्ते निभाना गलत है?"

" नहीं दीदी! यह तो बहुत अच्छी बात है ।"

"पर आजकल तो सभी लोग पैसों के पीछे भागते हैं ।"

"हाँ भागते हैं ।"

"लेकिन पैसों के पीछे भागने वालों को ही लोग आजकल मानते भी हैं, जो केवल रिश्ते निभाना जानते हैं उसे कोई नहीं चाहता सभी उसका फायदा उठाकर चल देते हैं और मैं उन बेवकूफ लोगों में सबसे आगे हूँ।" मेघा उदास हो गई।

"छोटा मुँह बड़ी बात दीदी! किसने ऐसा किया? आप बताना चाहो तो बता सकती हो, मन हल्का होगा।"

"एक दोस्त है अंजू! मैं हमेशा उसके लिए रहती हूँ, बिन माँगे सब दे देती हूँ, उसकी हर परेशानी में उसके साथ होती हूँ पर वो मुझे हमेशा फालतू समझने लगती है। हमेशा हँसी मजाक और अपनी बात। मेरी बात भी सुनती है और सच कहूँ तो जब उसके साथ होती हूँ तभी खुलकर हँसती भी हूँ और खुश रहती हूँ पर कुछ है जो मुझे खटकता है।"

"कोई कमी नहीं है दीदी बस आप उनके लिए हमेशा रहती हो इसलिए उन्हें कभी आपकी कमी नहीं लगती और आपको भी उनकी आदत हो गई है इसलिए आपको भी मन नहीं लगता। कुछ दिन हमेशा, हर समय उनके लिए मत रहो, देखो कैसे वो तुम्हें खोजते हुए आएँगी, बाकी आप खुश हो उनके साथ तो सब अच्छा है। चलो !कुछ खा लो। अच्छा लगेगा।" कहकर अंजू अपने काम पर लग गई। मेघा उसे देखते रह गई। उसकी मन की उलझन को कितनी आसानी से उसने सुलझा दिया। मेघा भी मुस्कुराते हुए अंजू की मदद करने चल दी।

दोस्तो! कभी कभी बेकार की बातों को ज्यादा सोचकर हम खुद को परेशान कर डालते है इसलिए जो अच्छा लगे करिए और लोगों को अपनी अहमियत बताते रहिए।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational