डाॅ.मधु कश्यप

Children Stories Inspirational

4.5  

डाॅ.मधु कश्यप

Children Stories Inspirational

भविष्य का भविष्य खतरे में

भविष्य का भविष्य खतरे में

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"आज का पेपर पढ़ा क्या?"पूनम दौड़ी दौड़ी अनिता से मिलने आई।

"नहीं! क्या हुआ? रूही को स्कूल भेज रही थी। अब फ्री हुई तो पेपर पढूँगी। आओ बैठो।" अनिता ने पूनम से कहा।

"जमाना कितना खराब हो गया है। कोई भरोसे के लायक नहीं है। ये स्कूल वाले इतनी फीस लेते हैं फिर भी हमारे बच्चों के सुरक्षा नहीं कर पाते।" पूनम गुस्से से बोले जा रही थी।

"पर हुआ क्या?"

"एक स्कूल में छोटी बच्ची के साथ किसी ने गलत किया। बच्ची घर गई तो पता चला। पुलिस कंपलेन हुई। वह आदमी पकड़ा भी गया पर स्कूल वाले अपना नाम छिपा ले गए। वैसे स्कूलों वालो को क्या फर्क पड़ता है। उन्हें तो बस अपना नाम बचाना है। अब स्कूल भी न भेजें? कितने विश्वास से हम पैरंट्स बच्चों को स्कूल भेजते हैं और ये सब....।" पूनम ने अपना सिर पकड़ लिया। अनिता के भी होश गुम थे। रूही तो बिल्कुल बच्ची है। उसने तो ये सब कभी सोचा ही नहीं।

"पूनम!मैनें तो कभी रूही को कुछ बताया ही नहीं। बहुत डर लग रहा यार!"

"तुम्हें डराने के लिए ये बात नहीं बताई बल्कि सजग रहने के लिए बताई है। अपने बच्चों की सुरक्षा हमें ही करनी होगी उन्हें सचेत और सजग बनाकर। मैनें तो लवली और राहुल दोनों को सबकुछ बता दिया था । लड़का हो या लड़की, सभी को सचेत रहने की जरूरत है। कब कहाँ क्या हो जाए कोई नहीं जानता और हम कब तक उन्हें पास रख पाएँगे? वे बड़े होंगे, बाहर जाएँगे और ये राक्षस हर जगह मौजूद हैं।" पूनम ने अनिता को समझाते हुए कहा।

"सही कह रही! मैं आज ही रूही से बात करूँगी।

"ठीक है! मैं चलती हूँ। परेशान मत होना।" पूनम के जाने के बाद अनिता दिन भर खुद को तैयार करती रही कि उसे कैसै बात करनी है। दोपहर में रूही के स्कूल से आने के बाद दोनों में साथ में खाना खाया और रूम में आराम करने लगे। ये सही मौका था बात करने का।

"रूही बेटा"

"हाँ मम्मा!"

"बेटा!आज हम कुछ बातें करेंगे और आपको सबकुछ समझना होगा और कोई दिक्कत हो तो पूछना।" रूही अनिता को देखने लगी।

"बेटा! स्कूल में या शाम में जब आप बाहर खेलने जाते हैं तो सबके साथ रहना। कभी किसी के साथ अकेले कहीं मत जाना चाहे वह कोई भी हो। कहीं वह आपको लेकर भाग गया तो या आपको परेशान करे,वह चीजें करे जो आपको अच्छी न लगे इसलिए सबके साथ रहना जरूरी है। स्कूल में भी कोई दीदी भईया या कोई भी कहीं साथ जाने के लिए बोले मत जाना। कहना" जो है सबके सामने कहिए"और कोई भी दिक्कत लगे तुरंत मुझे और स्कूल में मैम को बताना। बैड टच और गुड टच तो मैनें बताया था न? उसका भी ध्यान रखना।" अनिता समझ नहीं पा रही थी का रूही कितना समझ पाई।

"आप परेशान न हो मम्मा!मैं अकेले कहीं नहीं जाती और स्कूल में हर जगह कैमरा लगे है।"

"सब ठीक है बेटा पर हमेशा ध्यान रखना और कुछ भी हो...।"

"मम्मा को जरूर बताना।" रूही अनिता के गले लग गई। अनिता भी अपनी बेटी की समझदारी पर मुस्कुराने लगी और उसे गले लगा लिया।



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