ऑनलाइन लव

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राधे लायब्रेरी में मेरे साथ बैठकर उपन्यास पढ़ रहा था तभी उसके फोन में कम्पन होता है लेकिन फिर भी वो उपन्यास को पढ़ने में व्यस्त रहता है।पर ये कम्पन चार पांच बार होता है तो उसकी एकाग्रता भंग हो जाती है औरकुछ नये संदेश की जिज्ञासा बस वो अपना फोन उठता है और देखता है कि किसी नये नम्बर से उसे मैंसेज आया है।जिसमें hi लिखने के बाद किसी ने शायरी लिखकर भेजी है।तो राधे मुझसे बोलता है कि यार शायरी तो बहुत अच्छी लिखी तो मैंने उससे कहा यार ऐसा लगता हैं तू शायरी से प्रभावित हो गया ।तो वो बोलता है क्यूँ न होऊँ भाई देख तो इसका नाम क्या है ? तो मैंने पूछा क्या नाम है तो वो बोलता है अनन्य ! पगले लड़की है लड़की। 

तो मैं हँसकर बोलता हूँ ठीक है भेज दे लिखकर कि मुझे तुम्हारी शायरी बहुत पसंद आई लेकिन फिर भी वो ये नहीं भेजता बल्कि उससे पूछता है कि -

आप कौन है ? और कहाँ से हैं ?

क्या आप मुझे जानते हो ? 

 तो दो -तीन घण्टे बाद उसका रिप्लाई आता है कि मैं कोई लड़का नहीं बल्कि लड़की हूँ ।और आप को नहीं जानती ।बस आपका नम्बर है मेरे पास।और मैंने सुना है आप अच्छा लिखते हो।

तो राधे बोलता है ऐसा कुछ नहीं है आपको किसी ने गलत बताया है लेकिन आप बहुत अच्छा लिखती ।काश ईश्वर आप जैसा हुनर हमें भी देता ।मैं तो आपकी शायरी का फैन हो गया।वाकई में आप तो कमाल की शायरा है।

ये सुनकर ही वो स्माइल देता इमोजी भेजती है और लिखती है आभार आदरणीय , आप भले ही कवि नहीं हो लेकिन आपको शायरी की समझ अच्छी है तो वो बोलता है ये तो आपका बड़प्पन है।और वो इस तरह कुछ देर में दोस्त हो जाते है।वो उसे बता देती है कि मैं अमृतसर से हूँ,फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही हूँ और शायरी लिखना मुझे बहुत पसंद है।

दूसरे दिन जैसे ही राधे मुझसे मिलता है वो बोलता है यार कल वाली लड़की तो बहुत अच्छी है।मेरी दोस्त भी बन गई।

मैंने कहाँ ठीक है ।तेरी बातों के आगे किसका बस चलता है तू चाहे किसी को भी दोस्त बना ले।

तो वो बोलता है रहने दे,चल चाय पीकर आते है।

इसके बाद वो उससे बात करने लगता है, बात भी इतनी कि रात के 2-2 बजे तक और सुबह से शाम तक ।वो बहुत जल्दी एक दूसरे में घुल मिल जाते है।तभी राधे उसे प्रपोज करता है और बात पक्की हो जाती है।

ये बात राधे मुझे भी बताता है और बोलता है यार मोबाइल ने लोगो को कितना जोड़ दिया है।

पहले लोग लड़की को देखते थे,फिर रात रात भर बैठकर उसे पत्र लिखते थे और कई दिन उसे देने में लगा देते थे तब उनकी बात होना चालू होती थी ।बाकी प्रेम कहानी तो बाद की बात होती थी।कभी कभी तो प्रपोज से पहले ही प्लॉट की राजेस्ट्री हो जाती थी ।लेकिन आज तो सारे काम चित पट्ट हो जाते है।मेरा देख लो।

शायद किसी प्रेमी ने ही परेशान होकर फोन बनाया होगा

तो मैं हँस देता हूँ।तभी उसके फोन की घण्टी बजती है और वो देखता कि अनन्य का मैंसेज आया है जिसमें उसने लिखा है कि-

मुकमल हो गई तुमसे, मैं वो तेरी कहानी है

समंदर ओर जाती ज्यो,कोई बहती रवानी हूँ

भले तुम भूल जाओ या मुझे दिल मे बसा लेना

मैं कल तेरी दीवानी थी मैं अब तेरी दीवानी हूँ'

वो बहुत खुश होता है और मुझे दिखता है देख भाई अपनी तो लाइफ सेट हो गई।और वो तुरन्त मेसेज करता है ।मैं तुमसे मिलना चाहता हूँ।वो भी शायद यही बोलना चाह रही थी तभी वो एकदम से हाँ टाइप करके भेज देती है।

तो मैंने कहाँ यार तू कुछ जल्दी कर रहा है सोच समझ ले तो वो बोलता है सब सोच समझ लिया।

सुबह तैयार हो जाना कही घूमने चलना है।तो मैंने कहाँ यार प्रेक्टिकल है और क्लास भी चल रही है अभी कहाँ जायेगा तो वो बोलता है मैं कुछ नहीं जानता तू कल तैयार मिलना।

मुझे बोलना पड़ता है ठीक है।

दूसरे दिन सुबह सुबह राधे मेरे घर आ जाता है और बोलता है ये नहीं पूछोगे कि हमे चलना कहाँ है ?

तो मैंने कहाँ तू बतायेगा तब पूछूं ?

तो वो बोलता है अमृतसर, मैंने कहाँ वहाँ क्या है, ?

तो बोलता है अनन्य!

मैंने कहा क्या साले मरवायेगा 

और उसके साथ बैठकर मैं अमृतसर के लिये रवाना हो जाता हूँ।और वहाँ पहुँचता हूँ तो राधे तत्काल अनन्य को कॉल करता है।वो अपनी कार से आती है और हमे अपने फार्म हाउस पर लेकर पहुँच जाती है।वहाँ कुछ देर हम ठहरते और फिर अनन्य के साथ अमृतसर घूमने निकल जाते है।धीरे धीरे वो मेरी भी दोस्त हो जाती है।और राधे का रिश्ता एक नया आयाम ले लेता है।कल तक दोनों के विचार एक दूसरे से मिलते थे आज उनके शरीर भी मिल जाते है।चार पाँच दिन बाद राधे को कॉलेज की याद आती है और हम लोग वापस आ जाते है।और ये ऑनलाइन प्यार आगे बढ़ता है।राधे उसे चूड़ियाँ भी गिफ्ट करके आता है जो उसने अपनी घड़ी बेचकर खरीदी थी ।ये बात जब अनन्य को पता चलती है तो वो नाराज भी होती है और खुश भी 

तभी वो एक शायरी लिखकर राधे को भेजती है 

हमारे इक इशारे पर पकड़कर तितलियाँ लाया

हँसाने को हमे संग में वो ढेरो सोखियाँ लाया

मोहबत है उसी कितनी बताये उसने कुछ ऐसे

घड़ी को बेचकर मेरे लिये वो चूड़ियाँ लाया

औऱ इस तरह से उनकी प्रेम कहानी आगे।

चल पड़ी लेकिन कुछ महीने बाद अनन्य के मैंसेज आना कम हो गये और फिर बिल्कुल बन्द।और राधे भी इससे पागल सा हो गया ।वो न तो कुछ खाता न पीता न जागता और न ही सोता बस हर समय अनन्य अनन्य की रट लगाये रहता ।उसके लिये सारी दुनियाँ उसकी अनन्य थी ।मुझे भी उसकी ऐसी हालत देखी नहीं गई और तभी मैंने एक गलती की ।मैंने उससे कहाँ चल यार अमृतसर चलते है ।हो सकता है उसका फ़ोन खो गया हो या रिसेट हो गया हो।ये सुनकर वो बिल्कुल चौकन्ना हो गया ऐसा लग कि मानो किसी मुर्दे में जान आ गई औऱ वो खड़ा होकर प्यार से दुनियाँ देखने लगा।मैंने कुछ पैसे लिये और अमृतसर पहुँचा और वहाँ जाकर अनन्य का पता लगाया तो मुझे पता लग गया कि उसकी शादी हो गई और शादी उसके पसन्द के लड़के से हुई है तो ये सुनकर मेरे पैरों तले से जमीन सरक गई लेकिन मैंने खुद को संभाला और मैं राधे के पास गया ।मैंने उससे झूठ बोल दिया कि यार उसकी शादी उसके घर वालो ने जबरदस्ती कर दी है।तो वो कुछ टूट सा गया ।और मेरे साथ फिर से ग्वालियर लौट आया।लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं था।

तभी मैंने उसका मन बहलाने के लिये ऑरकुट के बारे में बताया।जहाँ हम पुराने दोस्तों को खोज सकते है और नये दोस्त भी बना सकते है। उन्हें हम स्क्रैप भेज सकते है और पुरानी यादें ताजा कर सकते है तो उसने कहाँ यार ये एप्प तो बहुत अच्छा है।

मैंने सोचा वो नये दोस्त बनायेगा लेकिन वो उसपर भी अनन्य को खोजता है और उसके दुर्भाग्य से वो उसे मिल भी जाती है।

और बहुत जल्दी वो उसकी दोस्ती को स्वीकार भी कर लेती है।और उस तरफ से एक औपचारिक सी बात शुरू होती है।

हाय 

कौन ?

तो राधे बोलता है पहिचाना नहीं जान ने तो वो बोलती है कुछ तो याद दिलाओ तो राधे कहता है मैं राधे 

याद करो फार्म हाउस तुम्हारी प्यारी प्यारी शायरियाँ और वो चूड़ियाँ जो मैंने तुम्हें तौहफे में दी थी।तुम्हारा रूठना औऱ मेरा मनाना

तो उसका रिप्लाई आता है -कुछ और बताओ जानू उन पुराने दिनों के बारे में

तो राधे बोलता है क्या तुम भूल गया जब मैंने तुम्हे गुलाब दिया था और तुम्हारे गाल शर्म से गुलाब जैसे हो गये थे

वो जब मैंने तुम्हे पहला किस किया था ।

मुझे तो ऐसा लगता है कि जैसे ये सब कल ही हुआ हो।

तभी वो राधे को ब्लॉक कर देती है और राधे मुझे बताता है ।यार ये क्या बात हुई।

राधे कोशिश करने लगता है उससे कॉन्टेक्ट करने का लेकिन मुझे डर सताने लगता है कही सब कुछ सही सही राधे को पता चल गया तो बबाल हो जायेगा।

दो चार दिन बाद एक फोन आता है राधे के पास 

हैलो! कौन ?

आप राधे बोल रहे है।

राधे तुरंत उस सुरीली आवाज को पहिचान लेता है क्योंकि वो आवाज तो उसके दिल दिमाक में बसी होती है ।वो कुछ पल के लिये मौन और स्तब्ध रह जाता है।और उसका रोम रोम प्रफुल्लित हो जाता है।

फिर एकदम बोलता है हाँ !हाँ! अनन्य !मैं राधे !

तभी उस तरफ से कोयल सी आने वाली आवाज कर्कश हो जाती है।उसे लगता है जैसे किसी ने उसके कान में शीशा उड़ेल दिया हो।

लेकिन फिर भी वो बोलता है 

क्या हुआ जानू

तो वो बोलती है जानू माय फुट। ऑरकुट पर तूने चैटिंग की थी ।साले वो मेरा पति था।वो मेरे नाम से एकाउंट बनाकर चला रहा है। तू क्यूँ मेरी जिंदगी बर्बाद करने पर तुला है।पहले भी तूने मेरे पैसों पे बहुत मजे मारे है।बैलगाड़ी में बैठने की तेरी हैसियत नहीं थी लेकिन तू कार में घुमा है।अब क्या चाहता है ।मैंने तुझे कभी प्यार व्यार नहीं किया तू तो बस टाइम पास था मेरे लिये

तो राधे बोलता है मैं मैं तुम्हे प्य प्य प्यार करता हूँ।

तो वो बोलती है साले चूड़ियाँ खरीदने के तेरे पास पैसे नहीं थे मुझसे शादी करने की कैसे सोच ली तूने।

तुझसे भी पहले मैं अपने पति को पसंद करती थी और अपनी मर्जी से मैंने इससे शादी की है ।

अब तू ये बता कितने पैसे चाहिए तुझे अपना मुँह बन्द करने के लिए ।अपना अकाउंट नम्बर भेज मैं उसमें डलवा दूँगी।

और तू अपना मुँह बन्द करके रखेगा समझा।और वो फोन काट देती है ।फोन कटते ही राधे के सारे आसमानी सपने चूर चूर हो गये और वो हकीकत के धरातल पर मुँह के बल गिरा।उसे गुस्सा भी बहुत आया लेकिन वो उसकी जिंदगी बर्बाद नहीं करना चाहता था ।इसलिए उसने फोन लगा कर उसे बोल दिया मैं आज के बाद कभी फोन नहीं लगाऊँगा और मुझे तुमसे कुछ चाहिए भी नहीं लेकिन आज के बाद ऐसे टाइमपास कभी मत करना ।वो फोन काट देता है ओर ऑरकुट के एकाउंट को डिलीट करके बोलता है कि यार ऑनलाइन प्यार नेटवर्क की तरह होता है ।पता नहीं कब रोमिंग पकड़ ले।और यार वो प्रेम पत्र वाला ही युग ठीक था कम से कम कोई टाइमपास तो नहीं करता था।वो बिल्कुल टूट जाता है ।और सांस होते हुये भी खुद को मुर्दा बना लेता है।

आज उससे पूछो तो यही बोलता है ऑनलाइन प्यार टाइमपास बना सकता है लेकिन राधा कृष्ण नहीं पारो देवदास नहीं हीर रांझा नहीं।


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