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Rishabh Tomar

Tragedy

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Rishabh Tomar

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कोरोना -बचाव ही समाधान है

कोरोना -बचाव ही समाधान है

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मानव और प्रकृति के बीच संबंध बहुत गहरा होता है ।ये दोनों एक दूसरे के पूरक होते है ।एक ओर जहाँ प्रकृति धरती चाँद सितारे नदी झरने वन पहाड़ वृक्ष वायु जल अग्नि आदि जीवन उपयोगी समस्त साधन मानव को उपलब्ध कराती है तो वही मानव का भी इनका सरंक्षण और संबर्धन करने का कर्तव्य होता है लेकिन मानव इसके विपरीत प्रकृति के साथ खिलवाड़ करता है और उसे नुकसान पहुँचाने में जरा भी नही हिचकिचाता ।इसका परिणाम होता है असंतुलन और जब ये असंतुलन अपने चरम पर होता है तो प्रकृति की सहनशक्ति जबाब दे देती है और वो इस असंतुलन को कम करने के लिये प्रकृति ,नित नूतन उपाय गढ़ लेती है ।और कुछ ऐसे विध्वंसक तत्व ईजाद करती है जो मानव के लिए खतरा बन जाते है ।

हमे विगत में ऐसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है जैसे चेचक, प्लेग ,हैजा और सार्स, इबोला इन्फ्लूएंजा, एच आई वी आदि प्रकार के कई वायरस महामारी के कारण बने लेकिन मानव फिर भी सचेत नही हुआ ।आज इसी श्रंखला में एक नया वायरस उत्पन्न हुआ है जिसने सारी दुनिया को हिला कर रख दिया है ।दुनिया के डॉक्टर शोधकर्ताओं और निवासियों की नींद हराम कर दी है ।

दिसम्बर 19 में ,पहली बार चीन के बुहान में ये वायरस पहचाना गया ।ये वायरस एक नया संक्रामक वायरस है जिसे नोवल कोरोना ,कोविड़ -19 या सार्स -2 के नाम से जाना जा रहा है ।ये एक उच्च संक्रामक वायरस है जिसने लगभग दुनियाँ के हर देश को प्रभवित किया है और इसने एक सर्वे के अनुसार विश्व के 14000 लोगो को मृत्यु का ग्रास बना दिया ।इस स्थिति को देखकर विश्व स्वस्थ संगठन ने इसे विश्व महामारी घोषित कर दिया है ।इस वायरस के लिये अब तक कोई भी वेक्सीन या अन्य विशिष्ट उपचार नही खोजा जा सका है।पूरे विश्व के लिये ये एक अनसुलझी समस्या बन कर ये वायरस खड़ा हुआ है ।लेकिन who के पोर्टल अनुसार इस वायरस को रोका जरूर जा सकता है वो तरीका है स्वच्छता ,लोगो का एकत्रित न होना ,और सावधनी पूर्वक अपना बचाव करना ।लोगो से 1 मीटर या इससे अधिक दूरी बनाए रखना ,हाथ न मिलना आदि कई कार्य जिनमे हम लोगो के सम्पर्क में आते है उन्हें बन्द कर देना या कम से कम करने का प्रयास करना।


इस वायरस के फैलने का समाचार पाते ही भारत सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाये गये।तत्काल एयरपोर्ट, सी पोर्ट पर बाहर से आने वालों की चैकिंग आरंभ करवा दी गई।आंतरिक मोर्चा लेने के लिये दवाई डॉक्टर आदि साधनों को युद्ध स्तर पर तैयार किया गया लेकिन फिर भी ये हमारे देश मे घुस आया।जब इसके द्वारा संक्रमकता ज्यादा फैलने का खतरा बड़ा तो सरकार द्वारा तुरन्त स्कूल कॉलेज और अन्य भीड़ भाड़ एकत्रित होने वाले स्थानों पर अवकाश घोषित करवा दिया गया।सावर्जनिक भ्रमण और दर्शनीय स्थल मन्दिर मस्जिद स्मारकों को बंद करवा दिया गया एवं सिनेमाघरों मॉल इत्यादि को बन्द कर भीड़ कम करने की कोशिश की गई।महानगरों में धरा 144 लागू कर दी गई।

इसके अतिरिक्त भारत के प्रधानमंत्री ने इसे विश्व युध्द से भी घातक बताते हुये रविवार 22 तरीख को जनता कर्फ्यू की अपील की ।और देश की जनता ने देश की एकता अखण्डता का परिचय देते हुये इसका स्वागत किया और कोई भी घर से बाहर नही निकला ।जो लोग सुरक्षा अन्य व्यवस्थाओं में सहयोग कर रहे थे उनका तालिया घण्टी शंख आदि बजाकर आभार प्रदर्शन किया ।

भारत इस तरह इटली स्पेन ईरान इंग्लैड और अमेरिका की तुलना में इस समस्या से निपटने में उत्तम सिध्द हुआ ।विश्व स्वस्थ संगठन ने भी भारत के प्रयासों और परिणामो की प्रशंसा की।और कर्फ्यू के कॉन्सेप्ट को ही सुदृढ़ उपाय माना ।तथा बचाव ही समाधन है इस वायरस का ये बात स्वीकार की।अब इस वायरस भारत मे तृतीय अवस्था प्रारंभ हो गई है अब तक भारत ने अच्छा परिचय दिया तथा लोगो ने खूब शासन प्रशासन का सहयोग दिया।और भारत का प्रत्येक व्यक्ति इससे लड़ने को तैयार रहा ।लेकिन अब भविष्य पर निर्भर है कि इसके क्या असर होते है।पर एक बात ये बहुत पीड़ादायक रही कि,हमारे देश मे 20 रुपये का मास्क 100 रू में और सेनेटाइजर 5 गुना कीमत पर बेचे गये।खैर ये अलग बात है ।

अब हम इस वायरस के जीवन काल की बात करे तो एन पी ऑर्ग वेबसाइट के अनुसार छेद युक्त सतहों या कपड़ो पर इसका जीवन काल 1 दिन,कॉपर जिक निकिल या अन्य संक्रमण धातु के सम्पर्क में इसका जीवन काल 4 घण्टे जबकि पॉलीमर जैसे प्लास्टिक पर इसका जीवन काल 4 दिन तक होता है ।मोबाइल स्क्रीन पर ये वायरस 76 घण्टे तक जीवित रह सकता है ।इसके अतिरिक्त तेज गर्मी या लू में इसका विस्तारण कम होने की संभावना है।

चीन के 44000 मामलों का विश्लेषण करने पर ये बात सामने आई है कि कोरोना वायरस से बुजर्गो के मरने की दर मध्यावधि उम्र के लोगो से 10 गुना अधिक है ।

एक रिपार्ट की मानें तो 30 साल से कम उम्र के लोगो कोरोना वायरस से मरने की दर सबसे कम है 4500 लोगो मे सिर्फ 8 लोगो की मौत हुई

वही पुरूषों की मृत्यु दर महिलाओं की अपेक्षा अधिक हुई जबकि 30 वर्ष से अधिक लोगो मे मरने की बात करे तो ये संख्या 10 गुने से भी अधिक है ।अतः 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगो को इससे बचने की अधिक आवश्यकता है ।लेकिन इसका मतलब ये नही है कि 30 वर्ष से कम उम्र के लोग बेफिक्र हो जाये ,क्योकि हम अपनी ही नही बल्कि अपने साथ साथ अन्य लोगो की भी सुरक्षा करते है ।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक सामान्य राय दी है कि हम हाथ धोकर रखे खाँसते या छीकते वक्त लोगो से दूर रहे ,और अपनी नाक आँख और मुँह को छूने से बचे तो हम वायरस से स्वयं को बचा सकते है और यदि हम स्वयं को बचा सकते है तो अपने परिवार को भी और परिवार बचता है तो समाज बच जयेगा।यदि समाज बचा गया तो देश बच जायेगा ।इसलिये हम कह सकते है 'बचाव ही समाधान है '


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