फायर बिग्रेड
फायर बिग्रेड
तुम अलग हो सबसे अलग, इतनी अलग कि, जब कोई याद नही आता तब तुम आती हो। जब माँ की याद आती है और मन घबड़ता है कि उनको दुःख होगा मेरी उदासी देखकर तब तुम याद आती हो। जब भी उलझ जाता हूँ खुद में तब तुम याद आती हो। जब भी तोड़ देती है किसी की यादें तब वो नही तुम याद आती हो।जब भी कही भी ऐसा लगता है अब सब कुछ खत्म हो रहा है। कुछ भी शेष नही है मेरे जीवन में तब तुम याद आती हो। या कहूँ जब भी लग जाती है आग जिंदगी में तब बस एक ही चेहरा जहन में आता है तुम। जी हाँ तुम मेरी फायर बिग्रेड।

