Rishabh Tomar

Inspirational

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कोरोना और अफवाह

कोरोना और अफवाह

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आज हम चाँद पर पहुँच चुके है,मंगल पर भी जीवन की आशा किरण खोज रहे है।ब्रह्माण्ड के कई अनसुलझे रहस्यों से पर्दा भी हटा रहें है।एक से बढ़कर एक अविष्कार रोज कर रहे है।शिक्षा के क्षेत्र में काफी हद तक बहुत सुधार कर चुके है ,लेकिन इस बात को हम झुठला नही सकते कि हम आज भी अंधविश्वासी है ,जागरूक नही ,और अफवाह फैलाने में सबसे आगे है। अब हम बात करते है कोरोना वायरस की जिसने आज सम्पूर्ण विश्व मे अफरा तफरी का माहौल बना दिया है।इस वायरस से पहला संक्रमित व्यक्ति चीन के बुहान में पाया गया।इसके बाद ये हवा की तरह पूरी दुनियां में फ़ैल गया।अमेरिका, चीन , फ्रांस ,इटली ,जापान जैसे तमाम देश जो अपने धन बल जन बल और तकनीकी बल पर इतराते थे।इसके सामने बौने नजर आये।और इस वायरस के सामने उन्हें घुटने टेकने पड़े।आज इन देशों के हुक्मरानों के पास हाथ पैर पटकने के अलावा कोई अन्य उपाय नही है।इस गंभीरता को देखते हुये विश्व स्वस्थ्य संगठन ने इस आपदा को महामारी घोषित कर दिया है। आज इस महामारी से मरने वालों की संख्या लभगभ बीस हजार के पार पहुँच चुकी है।और ये वायरस भारत मे भी पाँव फैलना चाह रहा है।

ये देखते हुये भारत सरकार द्वारा कई अहम फैसले लिये गये है- जैसे सारी राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय उड़ाने केंसिल कर दी गई ,बाहर से आने वाले लोगो की जांच शुरू कर दी गई ,देश मे रेल गाड़ियों ,यातायात के साधनों पर रोक लगा दी।सभी ऑफिस सिनेमा मॉल बन्द करने के आदेश दे दिये गये।तथा देश के प्रधानमंत्री द्वारा एक दिन के जनता कर्फ्यू का आवाहन भी किया गया और लोगो ने इसका पालन भी किया लेकिन बचाव कार्य मे लगे सुरक्षा कर्मियों के आभार प्रदर्शन के नाम पर कुछ लोगो ने भीड़ एकत्रित कर तालियाँ थालियाँ शंख बजाकर गो कोरनो ,गो के नारे लगाये ये बहुत गलत था।इसके तुरंत बाद हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने 21 दिन के तालाबन्दी के आदेश भी दिये बहुत से लोग ने इसका समर्थन ही नही किया अपितु इसका पूर्ण रूप से पालन किया और कर रहे है।इससे 4 या 5 दिन पहले देश के सभी स्कूल कॉलेज धर्मिक स्थल मन्दिर मस्जिद ,पयर्टक क्षेत्र आदि बंद करवा दिए गये थे। इस समय मे हमारे देश में एक ऐसा वर्ग सक्रिय हुआ जो सिर्फ अफवाह बांटने का काम करता है।जो सुबह से शाम तक सिर्फ भ्रम फैलता है।

और इसने तमाम तरह की अफवाह फैलाई।वो फिर चाहे धार्मिक आड़ में हो या फिर वैज्ञानिक ,इन लोग ने हर तरह से लोगो को भ्रमित किया।और आज हमें तमाम ऐसे मैसेज सोशल मीडिया पर मिल जायेंगे जिनमें ये फेक डिग्री धारी डॉक्टर कोरोना से बचने का इलाज बता रहे है।महान अर्थशास्त्री बनकर देश की अर्थव्यवस्था की जानकारी दे रहे है ,प्रकांड धर्मिक पंडित बनकर धर्म के द्वारा कोरोना से लड़ने का उपाय सुझा रहे है।

कभी देश के हिमायती बनकर हिसात्मक वीडियो भेज रहे है, तो कभी कभी महान डॉक्टर बनकर कोरोना जैसी खतरनाक संक्रामक बीमारी को नस्तोनाबूद करने की बात कर रहे है मैं ऐसे ही कुछ तथ्यों पर बात करता हूँ जैसे रामायण में हनुमान जी के बाल से कोरोना का इलाज।ये मैसेज बहुत वायरल हुआ।बहुत से लोगो ने इस बात को गम्भीरता से लिया लेकिन इसका सत्य सिर्फ इतना था कि भारत एक धर्मिक राष्ट्र है और रामायण सबसे अधिक पढा जाने वाला धार्मिक ग्रंथ और इसे रोज लोग पढ़ते है अतः इसमे बाल मिलना आम बात है। जब इसकी पड़ताल नये रामायण को देखकर की गई तो ये गलत पाया गया।और ज्यादतर लोगो ने इसे अंधविश्वास मान लिया लेकिन आज भी बहुत से ऐसे लोग है जो बाल के द्वारा भारत को विश्व गुरु बताने में नही चूक रहे।खैर उनकी समझ। इसके अलावा यूनिसेफ की आड़ में एक बात और बताई गई कि कोरोना गर्मी से मर जाता है और यहाँ तक दावा किया गया कि जैसे ही 30- 40 °c तक या इससे ताप ऊपर होता है तो कोरोना तुरंत मर जाता है लेकिन ये भी तथ्य बिल्कुल असत्य पाया गया इसके लिये मैंने एक पब्लिस पेपर का अध्ययन किया जो Department of Microbiology, The University of Hong Kong, Queen Mary Hospital, Pokfulam से प्रकाशित था वहाँ के शोधार्थियों ने बताया कि 56 °c ताप पर 20 मिनिट तक यदि इस वायरस को रखा जाये तो ये अक्रिय हो जाता है और कॉपर धातु पर रखने पर 3 घण्टे में समाप्त हो जाता है जबकि प्लास्टिक पर ये 1 -2 दिन तक जीवित रह सकता है यदि इस समय मे ये किसी के सम्पर्क में आता है तो पुनः सक्रिय हो जायेगा।ये वायरस 20 से 27 ° c ताप तक आसानी से वृद्वि कर सकता है और 45 °c तक इसकी वृध्दि करने की दर सामान्य रहती है।

चूँकि ये भ्रम यूनिसेफ के नाम से फैलाया गया तो यूनिसेफ के स्टेमेन्ट को भी देखना आवश्यक था। लेकिन bbc news के द्वारा ये स्पष्ट कर दिया कि ये सरासर गलत है। और यूनिसेफ के द्वारा बताया गया कि वायरस को 60 से 70 ℃ताप पर सिर्फ अक्रिय किया जा सकता है मारा नही जा सकता। इससे ये बात तो बिल्कुल स्पष्ट हो गई कि गर्मी या मानव शरीर की गर्मी का इस वायरस पर कोई असर नही पड़ेगा।लेकिन हांगकांग से पब्लिस पेपर ने ये जरूर स्वीकार किया कि जब ph <3 या >12 होगा तो ये वायरस सामान्य ताप पर ही अक्रिय हो जायेगा और इसकी वृध्दि रुक जायेगी। तो कोई भी ऐसा भ्रम पाल कर घर के बाहर न निकले कि तेज धूप है हम बिल्कुल सुरक्षित है गर्म पानी पी लिया है तो अब हमें कुछ नही होगा हम बाहर घूम सकते है। कोरोना वायरस के इलाज की ये बात भी बहुत फैलाई गई कि मलेरिया ,hiv और वायरल की दवाइयों द्वारा इसे खत्म किया जा सकता है लेकिन ये बात भी अफवाह निकली और हर डॉक्टर के द्वारा अस्वीकार की गई। इसके बाद रोज नये नये तरीको से बताया गया कि यहाँ इसका एन्टी डोज खोज लिया गया है वहाँ खोज लिया गया है जब इस पर जानकारी ली गई तो पता चला कि वो कोरोना वायरस की जांच किट खोजी गई है।इसके अलावा 21 दिन की तालाबन्दी के बाद जब कुछ लोग नही माने तो पुलिस और प्रशासन को सख्ती दिखानी पड़ी लेकिन अफवाह फैलाने वालों ने उसका भी फायदा उठाने से नही छोड़ा तमाम तरह की मारपीट की ऐसी वीडियो फैलाई गई जो हमारे देश की थी भी नही।और कुछ थी तो पुरानी थी। देश के तमाम शहर गाँव को हेलीकॉप्टर या अन्य वायु यंत्र द्वारा कोरोना वायरस से सुरक्षित करने के लिए सेनेटाइजर के छिड़काव की बात कही गई लेकिन ये बात बिल्कुल भी सत्य नही पाई गई।इसके अलावा इटली जापान चीन की तबाही के फोटो दिखाये गये जिनमें अधिकांश फ़ोटोशॉप द्वारा बनाये हुए थे

और कुछ पुराने समय मे आई हुई आपदाओं के अतः हमें सावधान रहना है क्योंकि ऐसे मेसैज वायरल किये जा रहे जो बिल्कुल निर्थक है ,देश की शांति के लिए घातक है।अतः देश के हर नागरिक को सजग रहने की आवश्यकता है और इन अफवाह फैलाने वाले लोगो से देश को बचाना है।अगर हम सटीक जानकारी प्राप्त करनी है या अपने प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करने है तो तमाम हेल्पलाइन नम्बर दिये गए है।हम who की वेबसाइट पर जाकर भी जानकारी प्राप्त कर सकते है। कुछ लोगो का कहना है तालाबन्दी इसका कोई उपचार नही है वो एक जगह तक सही है लेकिन इसका कोई दूसरा उपचार भी दुनियाँ में संभव नही है।रही बात भीड़ कम करने की ,सोशल डिस्टेन्स बनाने की तो ये सब बातें who द्वारा सम्पूर्ण विश्व को बताई गई है।और इस महामारी से बचाव का तरीका बताया गया। अतः सभी से अनुरोध है कि अफवाहों को फैलने न दे ,कोई भी मेसैज बिना जांच परख के शेयर न करें और ज्यादा से ज्यादा घर रहे।ये वायरस तब तक हमे नुकसान नही पहुँचा सकता जब तक ये हमारे शरीर मे अंदर प्रवेश न कर ले इसलिए अपने हाथ मुँह नाक कान या आँखों से कम से कम हाथ लगाये और हर घण्टे हाथ धोने का प्रयास करे क्योकि ये वायरस साबुन से अक्रिय हो जाता है और इसे अक्रिय होने में कम से कम 20 सेकेंड का समय लगता है तो 20 सेकेंड तक हाथो में साबुन लगा रहने दे।


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