नसीहत
नसीहत
"अरे...साहब का साला है तो क्या चाय पानी भी नहीं कराएगा"- बड़े बाबू बोल पड़े
'अरे उसके चक्कर में तीन तो ग्राहक चले गए...नुस्कान तो अपना हुआ न" – बड़े बाबू बोलते जा रहे थे
"अरे कोई नहीं...उसे फ़ाइल देकर रुख़सत करो" – छोटे बाबू ने नसीहत दी
ऐन मौके पर फ़ाइल गायब थी...सब एक दूसरे को शक की निगाह से देख रहे थे
साहब ने बड़े बाबू को बुलाया
डरते डरते बड़े बाबू उनके कमरे में पहुंचे
"पांच सौ का नोट है क्या बड़े बाबू?" – साहब से पूछा
"ज...जी...यह लीजिए" – बड़े बाबू ने नोट टेबल पर रख दिया
"देखिए बड़े बाबू...धंधे का बड़ा महत्वपूर्ण उसूल है...बगैर वसूले किसी को नहीं जाने देना है" – साहब ने दराज़ से फ़ाइल निकाल कर सौंपते हुए नसीहत दी..."आज की वसूली आपसे ही सही..."