मेघा धागे समेट ही रही थी कि तभी उनकी कांपती आवाज़ आयी मेघा धागे समेट ही रही थी कि तभी उनकी कांपती आवाज़ आयी
"देखिए बड़े बाबू...धंधे का बड़ा महत्वपूर्ण उसूल है...बगैर वसूले किसी को नहीं जाने देना है” – साहब ने द... "देखिए बड़े बाबू...धंधे का बड़ा महत्वपूर्ण उसूल है...बगैर वसूले किसी को नहीं जाने ...