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Poonam Kaparwan

Abstract

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Poonam Kaparwan

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नजाकत

नजाकत

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नजाकत से चले खाए मुस्काराहट दीजिए

हया को रंग दे दीजिए


शानों शौकत का जलवा छा जायें महफिल में

चाँद भी उतार जाये धरती पर और माशाअल्लाह कह जाये


बैठिऐ अदब और नजाकत से हर शख्स की वाह वाह कह उठे

बख्शे खुदा अलफाज कायामत भरे हर दिल आह भरे।


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