Ekta Kochar relan

Abstract Inspirational Children

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Ekta Kochar relan

Abstract Inspirational Children

निशान पड़ गया तो'!!!!

निशान पड़ गया तो'!!!!

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बिटिया-माँ मुझे पार्क जाना है माँ!

माँ-नहीं अभी नहीं जा सकती मेरी लाडो तुम । अगर ड्रेस पर निशान लग गया तो!!!!

बिटिया-माँ आकर बदल लूंगी कुछ ऐसा हुआ तो!!!!

माँ-नहीं मना किया ना!! अभी तो ठीक से तुम्हें लगाना तक नहीं आता!!!!

बिटिया-अच्छा माँ फिर मैं आज मासी घर जाऊं??

माँ-नहीं बेटा आज नहीं कुछ दिन के बाद!!

बिटिया-माँ अच्छा फिर मैं अपनी सहेली को घर बुला लूं सामने से??

माँ-नहीं बेटा अगर कपड़े खराब हो गये तो अभी आप बहुत छोटे हो सब क्या कहेंगे???

बिटिया-ऐसा क्या सिर्फ मेरे साथ ही हुआ माँ?? जो आपकी परी को घर में रहना होगा????

माँ मन में बुदबुदाते हुए--- पता नहीं आजकल कैसा समय आ गया है!!!! छोटे-छोटे बच्चों को भी इतनी जल्दी ये दिन आने लगे!! फिर तो आस -पास की सब बेटियों के नाम याद हो आये!!! 

जो नन्ही उम्र में ही बड़ी हो गई।...माँ की आँखें ममता से भीग गई।

माँ भरे गले से- जाओ बिटिया पर ध्यान रखना अपना और घबराना नहीं निशान लगने पर मैं हूँ ना!!!!!! बिंदास बनना है तुम्हें!!!!

 "नन्ही परी को अब पंख लग गये थे" !!!!



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