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Ekta Kocharrelan

Inspirational

3  

Ekta Kocharrelan

Inspirational

प्यार के रंग ये भी

प्यार के रंग ये भी

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सुबह से दोनों में बहस हो रही थी कभी पलड़ा मेरा भारी था तो कभी मेरे हमसफ़र का। झुके कौन?? ये सब देख मेरी दोनों लाडली परेशान हो गयी। लगी टुकर-टुकर एक-दूसरे को घूरने। हम भी क्यूं पीछे रहते। अन्देशा हो गया कि हमारी बहस उनकी जान ले रही थी। बडो़ की लड़ाई का असर अक्सर बाल मन पर दिखता है। उनका रूंआसा चेहरा देख हम मुस्कराए कि "जब तुम दोनो झगडते हो तो हम क्यूं नहीं?" ये तो प्यार के रंग है जो अक्सर जीवन में नज़र आते हैं वो मुस्कराए बिना न रह पायी।



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