कहानी कहानी
उसके बाद इसके हौसले की बुनियाद पक्की हो गयी और ये आज भी मेरे प्रति कृतज्ञ है। उसके बाद इसके हौसले की बुनियाद पक्की हो गयी और ये आज भी मेरे प्रति कृतज्ञ है।
उसके जीवन में ख़ुशियों के फूल फिर से खिल गये थे। उसके जीवन में ख़ुशियों के फूल फिर से खिल गये थे।
टैक्सी में बैठी वह सोच रही थी “ चलो अच्छा हुआ मोहित ने सुनन्दा से शादी तो नहीं की है “ जब बबिता ब... टैक्सी में बैठी वह सोच रही थी “ चलो अच्छा हुआ मोहित ने सुनन्दा से शादी तो नहीं क...
मगर अपने काम, सबके भलाई को दृष्टि में रखते हुए करते हैं, तब वह इबादत ही हो जाती है …. ” मगर अपने काम, सबके भलाई को दृष्टि में रखते हुए करते हैं, तब वह इबादत ही हो जाती ...
सुबह से दोनों में बहस हो रही थी कभी पलड़ा मेरा भारी था तो कभी मेरे हमसफ़र का। सुबह से दोनों में बहस हो रही थी कभी पलड़ा मेरा भारी था तो कभी मेरे हमसफ़र का।