हमारे आस-पास कुछ गुमनाम मौतें होती रहती हैं खास कर गरीब मजदूरों की | इनकी मृत्यु से व्यवस्था में कोई... हमारे आस-पास कुछ गुमनाम मौतें होती रहती हैं खास कर गरीब मजदूरों की | इनकी मृत्यु...
अब दोनों जमानतदारों को कोर्ट में हर तारीख पर जाना पड़ता. दसियों साल में सौइयों तारीख लगी, वादी रमेश व... अब दोनों जमानतदारों को कोर्ट में हर तारीख पर जाना पड़ता. दसियों साल में सौइयों ता...
फिर बस क्या बताएं क्या क्या हुआ बस अब हम कैदी नंबर ३०६ है। फिर बस क्या बताएं क्या क्या हुआ बस अब हम कैदी नंबर ३०६ है।
अब माहौल ही बदल गया था अब माहौल ही बदल गया था
उस अजन्मे का क्या दोष जो तुम उसे कोख में ही समाप्त कर दोगी। उस अजन्मे का क्या दोष जो तुम उसे कोख में ही समाप्त कर दोगी।
मेरी गुड़िया! तुम्हारा नामकरण संस्कार हो चुका है,अब कैसे बदलेगा नाम?" मेरी गुड़िया! तुम्हारा नामकरण संस्कार हो चुका है,अब कैसे बदलेगा नाम?"