पृथ्वी और अभिमन्यु
पृथ्वी और अभिमन्यु
कैप्टन पृथ्वी राठौड़ ,पूरे यूनिट की सबसे काबिल और सख़्त ऑफिसर्स में से एक थीं। यूनिट के नए कैडेट्स तथा ऑफिसर्स उन्हें उनके अनुपस्थिति में हिटलर के नाम से संबोधित करते थे। पृत्वी ,२८ साल की थी,जितने उनके सितम के चर्चे थे, उतने ही उनके सौंदर्य के चर्चे थे । लेकिन ना वह ज़्यादा बोलती ,ना किसी से कोई खास मित्रता ,उसके आंखों में बस खालीपन और कुछ था जो वो कभी सामने नहीं आने देती थी । बस एक कैप्टन अनु थी ,जो करीब थी पृथ्वी के,बैच मेट थे दोनों और पोस्टिंग भी साथ हुई। पृथ्वी अपने क्षेत्र की "द बेस्ट" थी।लेकिन गलती होने पर सज़ा भी कड़ी देती थी ,समय की पाबंदी, अनुसासन,सफलता बस यही था उसका मूल मंत्र।
आज सुबह सुबह पृथ्वी को एक नए बैच का उन्मुखीकरण करना था,उसके लिए कोई नई बात नहीं थी,फील्ड पे खड़े कुछ ओवर्समर्ट बच्चों को अनुसासन का पहला पाठ पढ़ाना था ।जैसे ही पृथ्वी वहां आई, लड़कों में कुछ कनापुसी हुई।तभी कोई बोल गया "यह हमें ट्रेन करेंगी "।बस इतना काफी था ... पृथ्वी ने उस लडके को बैच से अलग बुलाया... कैडेट अभिमन्यु ...और उनको कड़ी सज़ा दी ।
लेकिन अभिमन्यु को इश्क़ होगया था वह भी पहली नज़र में ,वैसे भी पृथ्वी पे ताना मारा किसी और ने था लेकिन चपेटे में गए अभिमन्यु, लेकिन कोई सिकायेत नहीं थी अभिमन्यु को,पहली बार किसी लड़की को देख के एक दम फिल्मी धुन छिड़े थे इनके दिल में।अभिमन्यु ,एकदम सुलझे और जलेबी की तरह सीधे लडके थे ।देश की सेवा और शरारतें करना ही इनके जेहन में रहता हर दम।
बस अब अभि,पृथ्वी के इश्क़ में रोज़ ही कुछ और गहराई में डूबता जाता । पृथ्वी को भी कुछ कुछ पसंद आने लगा था अभि,उसका अल्लहड़पन ,शरारतें मानो पृथ्वी का कोई अधूरा स्थान पूरा कर रहा हो ...
कई दिन ऐसे बीते, एक दिन यूं ही बातों बातों में अभि ने पृथ्वी से बताया कि पहले दिन किसी और की गलती की सजा उसको मिली थी,जिससे पृथ्वी को काफी बुरा लग रहा था कि ,यह तो बहुत बड़ी गलती होगई उससे... मौके का फ़ायदा उठते हुए अभि बोला कि मैडम आप अगर इतना बुरा फील कर रहे है ... तो आज मेरा बर्थडे है शमको ज़रूर आना। पृथ्वी भी मान गई। शाम को एक हल्के नीले रंग की साड़ी में वह पार्टी में अाई। तो उन्होंने अपने आप को अकेला पाया,
और तभी अभि ने अपने दिल की बात कह दी .... अब माहौल ही बदल गया था... कैप्टन के आंखो में आंसू थे और वह वहां से चली गई।
अभी को समझ ही नहीं आया की हुआ क्या..और अगले दिन वह कैप्टन अनु से मिला और सारी बातें बताई, जिस पर जो अनु ने बताया ,अभिमन्यु के पैरो तले जमीन खिसक गई । उसने बताया ,कैप्टन पृथ्वी जब १७ साल की थी उनकी शादी कर दी गई थी और उनका एक बच्चा भी था उस शादी से,१७ साल में शादी के बाद पति के जुल्म से तंग आकर अपने पिता के घर लौटी ,लेकिन समझा भूझा कर उसे वापस जाने को कहा गया। लेकिन पृथ्वी ने वापस ना जाना ही बेहतर समझा ...और अपनी पढ़ाई वापस शुरू करने की ठानी ... लेकिन तब तक में उसे पता चला कि वह मां बनने वाली है,इसी बीच उसने अपने पति से तलाख ले लिया ,और जब वह मां बन गई उसके पति ने उससे बच्चे का पालन करने में आसमर्थ हो कह कर बच्चा ले लिया।
अनेक संघर्ष के बाद वह आज काबिल है और कोर्ट में लड़ रही है अपने बच्चे के कस्टडी के लिए।
आज आखिरी दिन था ट्रेनिंग का ,अभिमन्यु पृथ्वी से मिलने उसके घर गया,जहां उसने अपनी दिल की बात फिर कही... जिसपर पृथ्वी खीज कर बोली क्या जानते हो तुम मेरे बारे में,इश्क़ खुमारी में बातें करना आसान है, तुम्हारा मेरा रिश्ता यह समाज कभी नहीं मानेगा।उम्र में ५ साल छोटे हो मुझसे और क्या नाम दे पाओगे मेरे बच्चे को अपना ,क्या अपना पाओगे किसी और के बच्चे को और वह फूट फूट के रोने लगी। अभिमन्यु उसका हाथ पकड़ के बोला" समाज ... तो हम जैसे लोगों से बनता है ना ,ऐसा तो कहीं नहीं लिखा जैसा होता आया है वैसे ही होगा ,हमारे कॉन्स्टिट्यूशन तक में अमेंडमेंट होता है, तो समाज के रूल्स को भी थोड़ा बदल देते हैं ना,रही बात तुम्हारा मेरे से बड़े होने का ,मुझे कोई आपती नहीं है और ना ही मेरे माता पिता को,और में तो खुश हूँ कि मुझे केवल एक पत्नी नहीं रक सम्पूर्ण परिवार मिल रहा है।"फिर दोनों ने कोर्ट का केस जीता और शादी करली।
आज दोनों खुश है ,देश की सेवा करते हुए दोनों रिटायर हो चुके है,उनके दोनों बच्चे भी भारतीय वायु सेना में नियुक्त है । सब कुशल मंगल है।