रेल अपनी पूरी रफ्तार से चल रही है, शरद की यादो की रेल भी। दोनो को त्रिवेंद्रम पहुंचने की जल्दी है, र... रेल अपनी पूरी रफ्तार से चल रही है, शरद की यादो की रेल भी। दोनो को त्रिवेंद्रम पह...
मेरा विश्वास पुख्ता होने लगा कि घर का पराठा हमेशा पिज्जा पर भारी पड़ेगा। मेरा विश्वास पुख्ता होने लगा कि घर का पराठा हमेशा पिज्जा पर भारी पड़ेगा।
दिखते भी कैसे ! पता भी कहाँ था तुम्हें की मैं आ रही हूँ। कभी बताया ही नहीं। दिखते भी कैसे ! पता भी कहाँ था तुम्हें की मैं आ रही हूँ। कभी बताया ही नहीं।
अभी दो चार बाइट किये ही थे कि रैपर पर कैलोरी पढ़कर उसकी चीख निकल गयी और हाथ जहाँ के तहां रुक गए। अभी दो चार बाइट किये ही थे कि रैपर पर कैलोरी पढ़कर उसकी चीख निकल गयी और हाथ जहाँ ...
आज के समाज का आईना ये कहानी। आज के समाज का आईना ये कहानी।
गजोधर ने निर्विकार रूप से उसकी तरफ बिना देखे कहा "आप लोग तो व्यापारी हैं उत्पादन की मेहनत के बारे मे... गजोधर ने निर्विकार रूप से उसकी तरफ बिना देखे कहा "आप लोग तो व्यापारी हैं उत्पादन...