Story teller... Reading and writing is my passion.Vet by profession.
Share with friendsउसमें सरिता भाभी तो रह भी न सकीं और खुद महेश जी अपने ही बनवाए ताजमहल में लगभग निर्जीव स
Submitted on 25 Nov, 2020 at 06:01 AM
बच्चे तो सबके अपनी अपनी नौकरी और परिवार के साथ हैं
Submitted on 04 Nov, 2020 at 07:05 AM
मां बाप अपने दो क्या चार बच्चों को खुशी खुशी पाल लेते हैं।लेकिन आज एक मां बच्चों को भार
Submitted on 28 Oct, 2020 at 04:22 AM
जया जी ने पूरी मुस्तैदी से इस घर को घर बना दिया
Submitted on 09 Oct, 2020 at 05:52 AM
कहां तो हंसी खुशी जिंदगी चल रही थी और अब अचानक से ऐसा वज्रपात हो गया।
Submitted on 17 Sep, 2020 at 16:45 PM
दादा पोते का पहला दोस्त होता है और पोता दादा का आखिरी दोस्त होता है!
Submitted on 06 Sep, 2020 at 07:39 AM
समय ऐसा बदला कि ज़िंदगी की गाड़ी एकदम से पटरी से उतर गई।
Submitted on 14 Jul, 2020 at 07:13 AM
मैं तुरन्त मनोज को फोन मिलाने लगा जिससे कि उसे ये खुशखबरी दे सकूं।
Submitted on 09 Jun, 2020 at 08:24 AM
उसकी तड़प नहीं देखी गई इसीलिए मुझसे ये हरकत हो गई। मुझे पता है कोई मेरी बस्ती में सामान
Submitted on 10 Apr, 2020 at 12:21 PM
मुझे तभी से लग रहा है शायद कहीं न कहीं इस मृत्यु का जिम्मेदार मैं हूँ।
Submitted on 28 Mar, 2020 at 13:23 PM
मृणालिनी जी ने रिया को गले लगा लिया और नई शुरुआत के लिए हामी भर दी।
Submitted on 07 Mar, 2020 at 13:12 PM
उस अजन्मे का क्या दोष जो तुम उसे कोख में ही समाप्त कर दोगी।
Submitted on 04 Feb, 2020 at 06:25 AM
इस बार तिल का ताड़ नहीं तिल के लड्डू शायद रिश्तों में भी मिठास भर दें।
Submitted on 15 Jan, 2020 at 12:59 PM
एक टुकड़ा कलाकन्द लाकर उनके सामने रख दिया, और उन्हें चुपचाप खाते देखता रहा।
Submitted on 05 Jan, 2020 at 17:10 PM
समय अपनी रफ़्तार से चलता रहा, लेकिन हमारा मूंगफली को लेकर झगड़ा बरकरार रहा
Submitted on 16 Dec, 2019 at 08:30 AM
सच कह रहा हूँ,उस समय जो अलौकिक आनन्द मुझे मिला वो व्यक्त नहीं कर सकता।
Submitted on 11 Nov, 2019 at 09:22 AM