Rajiva Srivastava

Drama Tragedy

4  

Rajiva Srivastava

Drama Tragedy

दुःख का कारण

दुःख का कारण

4 mins
314


देखिए लेखक होना भी एक अजीब लत है। बहुत दिनों से कुछ लिखा नहीं तो एक बेचैनी सी थी। कोई कथासूत्र नहीं मिल रहा था। तो सोचा क्यों न इस बार वही लिखूं जो इतने दिनों से मुझे बेचैन किए जा रहा है। वैसे भी कथा कहानी है क्या?हमारी आपकी आपबीती ही तो है।

 हम जब नए नए इस शहर में आए तो पिता जी को घर मिला शहर से बाहर बनी हुई नई बस्ती में। सक्सेना अंकल वकील थे,उन्होंने शहर से बाहर सस्ती ज़मीन देख कर अपना घर बना लिया था।उसी मकान में पीछे का हिस्सा उन्होंने किराए पर हम लोगों को दे दिया था। आज तो वहां अच्छी खासी बस्ती है,तब जरूर वो इलाका शहर से बाहर था। अम्मा कहती भी थीं पापा से ' कोई हमें लूट कर चला जायेगा,किसी को पता भी न चलेगा।'

खैर,बात हो रही थी सक्सेना अंकल की। सक्सेना अंकल जो कहते हैं न सेल्फ मेड,तो वो सेल्फ मेड आदमी ही थे। बहुत नीचे से ऊपर उठे थे। इसीलिए वो चाहते थे जो कष्ट उन्होंने देखे हैं वो उनके बच्चों को न देखने पड़ें। अपनी मेहनत से उन्होंने अपनी वकालत जमाई थी। शहर के नामी वकीलों में उनकी गिनती होती थी। अंकल के दो लड़के थे,शरद और कपिल। दोनों में साल भर का ही अंतर था। दोनों ही पढ़ने में बहुत ही तेज थे। शरद तो मेरे साथ ही पढ़ता था। कपिल हम दोनों से एक क्लास पीछे था। हम लोगों के आ जाने से उन लोगों को भी साथ मिल गया था। नई बस्ती थी,आस पास कोई और था नहीं तो हम दोनों के परिवार ही एक दूसरे का सहारा थे। अम्मा को भी आंटी का साथ मिल गया था। दिन अच्छे से गुज़र रहे थे। मैं जहां पढ़ाई के साथ साथ घर के भी काम कर लेता था।शरद और कपिल घर के काम बिलकुल नहीं करते थे। अम्मा कभी बातों में आंटी से इस बारे में कुछ कहती भी तो आंटी कहती ' अरे कविता,लड़कों से क्या काम करवाना?घर में इतने काम करने वाले हैं तो। ये तो लड़के हैं पढ़ें खेलें खाएं बस।' बात यहीं खतम हो जाती। दोनों भाई पढ़ने में होशियार तो थे ही। दोनों आगे पीछे पढ़ते हुए पढ़ कर अपनी अपनी नौकरी में लग गए। दोनों की शादी हो गई। शरद की नौकरी बाहर थी तो वो शादी के बाद अपनी पत्नी के साथ बाहर चला गया। कपिल इसी शहर में जॉब में था तो वो यहीं रह गया। सक्सेना अंकल बहुत ही खुद्दार टाइप के आदमी थे। लड़के अच्छा कमाने लग गए लेकिन वो लड़कों से कोई पैसा नहीं लेते थे। खुद ही इतना कमाते थे उन्हें किसी और से कुछ लेने की जरूरत ही क्या थी? सब कुछ सही चल रहा था।

लेकिन बुरे दिन तो आने अभी बाकी थे। एक बार जब छुट्टियों में शरद घर आया तो बोला,' कपिल,तेरे तो मजे हैं। घर का घर में है।कोई खर्चा नहीं तेरी तो पूरी पूरी तनख़ाह बच जाती होगी। एक यहां हम हैं इतना कमाने के बाद भी बड़े शहर में मुश्किल से अपना खर्चा चलाते हैं।' शरद की पत्नी रूपाली भी बोल पड़ी,' मम्मी जी आप को घर खर्च के पैसे तो कपिल भईया से लेने ही चाहिये।' आंटी को भी ये राय अच्छी लग गई। अगले महीने से कपिल से घर खर्च के पैसे लेने लगीं। ये बात कपिल और सोनाली दोनों को नागवार गुजरी। लेकिन फिर भी बात न बढ़े इस कारण से दोनों चुप लगा गए।लेकिन अब घर घर जैसा नहीं रह गया था। शरद अगली बार आया तो बोला ' हमें फ्लैट लेना है। पापा अगर मेरे हिस्से को बेच दें तो हम लोग भी अपना एक छोटा सा घर बना लें। अब एक तरह से घर में फूट सी पड़ गई। देखा जाए तो शरद की मांग भी गलत नहीं थी। अपना इतना बड़ा घर होते हुए किराए के घर में क्यों रहे?शरद का हिस्सा यानी मकान के पीछे वाला हिस्सा हम लोगों ने जो किराए से ले रखा था खाली करवा के बेच दिया गया। 

अब हम लोगों ने वो जगह छोड़ दी।इसी बहाने अपने नए घर में हम लोग आ गए।पापा तो इतने सालों का साथ छोड़ना नहीं चाहते थे लेकिन जो होता है अच्छा ही होता है। अब सक्सेना अंकल के परिवार से संपर्क कम हो गया था। 

 बाद में पता चला सक्सेना अंकल बाथरूम में गिर गए। उनके कूल्हे की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया। उसके बाद से ही वो बिस्तर पे आ गए। इलाज पे भी काफी पैसे खर्च हुए। पापा अक्सर उनसे मिलने जाते तो सक्सेना अंकल बहुत भावुक हो जाते कहते ' सिंह साहब,मैंने क्या गलत कर दिया जो मुझे ये दिन देखने पड़ रहे हैं। अपने ही बेटे परायों की तरह व्यवहार करते हैं। इतना पैसा मैंने कमाया लेकिन किस काम का? पापा उन्हें भरसक समझाने की कोशिश करते। सक्सेना अंकल अपनी जवानी के दिनों में अंदर से जितने मजबूत थे। अकेली बस्ती में शान से मकान बना कर रहते थे। आज उतने ही कमजोर दिखते थे।

एक दिन सुबह सुबह कपिल का फोन आया बताया सक्सेना अंकल नहीं रहे। रात सोए तो सुबह उठे ही नहीं।

सक्सेना अंकल तो चले गए। अब पीछे आंटी हैं। दोनों भाई इस फिराक में रहते हैं कि मां दूसरे भाई के पास चली जाएं। मां बाप अपने दो क्या चार बच्चों को खुशी खुशी पाल लेते हैं।लेकिन आज एक मां बच्चों को भार लग रही है।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama