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Mousmi Bishnu

Children Stories Inspirational

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Mousmi Bishnu

Children Stories Inspirational

कहानी

कहानी

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दादी नानी की कहानी अब पुरानी हो चली। जब हम छोटे थे शाम होते हमारी दुनिया दादी-नानी के इर्द-गिर्द होती। उनके पिटारे से खाने को तरह-तरह के लड्डू पेड़े निकलते। खाना खाने के समय से लेकर रात के सोने तक अनेकानेक कहानियों के किरदार हमारे संग भ्रमण करने लगते। झट-पट हमारा खाना खत्म हो जाता और दादी-नानी के कहानी की झोली से अनेक कहानियां निकल कर हमसे खेलने लगती।मेरी नानी की एक पसंदीदा कहानी है जो मैंने कई बार सुनी है और उसी से मुझे हिम्मत भी मिलती है।

एक चूहा था। उसे बिल्ली से बड़ा डर लगता था। हालांकि यह स्वाभाविक है कि चूहे को बिल्ली से डर लगे, पर इस चूहे को कुछ ज्यादा ही डर लगता था। अपने सुरक्षित बिल में सोते हुए भी सपने में उसे बिल्ली नजर आती।

हल्की-सी आहट से उसे बिल्ली के आने का अंदेशा होने लगता। सीधी-सी बात यह कि बिल्ली से भयभीत चूहा चौबीसों घंटे घुट-घुटकर जीता था। ऐसे में एक दिन एक बड़े जादूगर से उसकी मुलाक़ात हो गई। फिर तो चूहे के भाग ही खुल गए। जादूगर को उस पर दया आ गई, तो उसने उसे चूहे से बिल्ली बना दिया। बिल्ली बना चूहा उस समय तो बड़ा ख़ुश हुआ, पर कुछ दिनों बाद फिर जादूगर के पास पहुंच गया, यह शिकायत लेकर कि कुत्ता उसे बहुत परेशान करता है। जादूगर ने उसे कुत्ता बना दिया। कुछ दिन तो ठीक रहा, फिर कुत्ते के रूप में भी उसे परेशानी शुरू हो गई।

अब उसे शेर-चीतों का बड़ा डर रहता। इस दफ़ा जादूगर ने सोचा कि पूरा इलाज कर दिया जाए, सो उसने कुत्ते का रूप पा चुके चूहे को शेर ही बना दिया। जादूगर ने सोचा कि शेर जंगल का राजा है, सबसे शक्तिशाली प्राणी है, इसलिए उसे किसी से डर नहीं लगेगा। लेकिन नहीं। शेर बनकर भी चूहा कांपता ही रहा। अब उसे किसी और जंगली जीव से डरने की जरूरत नहीं थी, पर बेचारे को शिकारियों से बड़ा डर लगता। आख़िर वह एक बार फिर जादूगर के पास पहुंच गया। लेकिन इस बार जादूगर ने उसे शिकारी नहीं बनाया। उसने उसे चूहा ही बना दिया। जादूगर ने कहा-‘चूंकि तेरा दिल ही चूहे का है, इसलिए तू हमेशा डरेगा ही।’ 

सबक : डर कहीं बाहर नहीं होता, वह हमारे भीतर ही होता है। स्वार्थ की अधिकता और आत्म-विश्वास की कमी से हम डरते हैं। इसलिए अपने डर को जीतना है, तो पहले ख़ुद

को जीतना पड़ेगा।


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