लॉकडाउन
लॉकडाउन
21 से शुरुआत हुई..
चलो बताते हैं लॉकडाउन में क्या क्या बात हुई ।
पहले दिन डर था..सुकून था कि ये अपना घर था घर वाले भी मुझसे दूर थे..प्यार तो था पर मजबूर थे।
दूसरे दिन की बात इतनी, मोबाइल पर बीती रात अपनी मन में डर..हाथ में दवा थी..कुछ नयी ये अफवाहों की हवा थी।
22 की शाम मोदी जी आए.. ताली थाली और शंख बजवाएं..पहला हफ्ता डर में बीता .. उब तो रहा था पर घर में ही बीता।
दूसरे हफ्ते की शुरुआत में अब जांच रिपोर्ट थी हाथ में। वो पड़ोसन भी effective थी.. मैं खुश था मेरी जांच रिपोर्ट negative थी।!
अपन का josh high था...क्योंकि मेरा doctor मेरा खुद का भाई था। अब कोरोना से लड़ने की बारी थी.. मार्च ख़तम अब अप्रैल की सवारी थी।
अब तो वो भी खूब बात करती है पास तो नही पर मोबाइल पर मेरे साथ रहती है।
दिन बीता रात बीती बीतेगा ये दो हफ्ता तुम घर में रहो बस अलसाये से ये कोरोना नापेगा अपना रस्ता।