ख्वाब

ख्वाब

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ख्वाब हम सब देखते है।अच्छे बुरे सभी तरह के। पर जो ख्वाब मैंने देखा वो वाकई में बुरा था और भयानक भी।


अपने बच्चे से हम सभी प्यार करते है और हमेशा चाहते है कि उसकी तरक्की हो।मेरा एक बेटा है जो अभी बालिग हुआ है।मेरा बेटा स्कूल से अपना अंतिम पेपर देकर लौट रहा था।उसके साथ कुछ लफंगे दोस्त भी थे।वो बहुत कोशिश करता था कि उनसे दूर रहे पर वे सब उसके आस पास ही मंडराते थे।जब वो सभी लोग स्कूल से लौट रहे थे तो उसके एक अभद्र मित्र ने बोला कि वो एक लड़की से बहुत प्यार करता है परन्तु वो मान नहीं रही।इस बात पर उसके दोस्तो ने कहा कि चल के भाभी जी से बात करते है तो कैसे नहीं मानेगी। इस बात का विरोध करते हुए मेरे बेटे ने बोला - " जब कोई लड़की तुमसे प्यार ही नहीं करती तो फिर ये कैसी जबरदस्ती है। उसका जीवन है और उसे निर्णय लेने का पूरा हक है"। ये बात सुनकर सभी दोस्त मेरे बेटे का उपहास करने लगे और बोले चल हमारे साथ हम बताते है कैसे नहीं मानेगी।जोर जबरदस्ती करके वो मेरे बेटे को उस लड़की के पास पकड़ के ले गए ।


लड़की ,उस अभद्र लड़के को देख कर ही गुस्से में आ गई और वहां से उठ के जाने लगी।इतने में उस लड़के ने लड़की की कलाई पकड़ कर मेरे बेटे की और इशारा करते हुए बोला -" ये लड़का तुमसे प्यार करता है।मैंने बोला कि तुमसे दूर रहे पर नहीं माना इसलिए यहां पकड़ के ले आया। बदतमीज किस्म का लड़का है और तुम्हारे साथ सोना चाहता है। अब बोलो इससे अच्छा तो मैं हूं"। ये बात सुनकर मेरा बेटा भौचक्का रह गया और हड़बड़ाते हुए बोला - मोहतरमा ऐसा कुछ नहीं है। इतने में ही लड़की ने आव देखा ना ताव और एक जोरदार थप्पड़ मेरे बेटे के गाल पर जड़ दिया। चारो तरफ सन्नाटा छा गया। तिलमिलाते हुए लड़की ने बाद में मेरे बेटे की शिकायत करके स्कूल से भी निकलवा दिया। मेरा बेटा कुछ बोल नहीं पाया और रोते हुए रास्ते पर भागने लगा।


इतने में मेरी नींद खुल गई और मैं भागता हुआ अपने बेटे के कक्ष में पहुंचा और देखा वो आराम की नींद सो रहा है।मेरा बेटा मानसिक रूप से कमज़ोर है। उम्र में तो १८ का हो गया परन्तु मानसिक रूप से दुर्बल है।लड़ाई झगड़ा देख कर सहम जाता है।इसलिए कोशिश करता हूँ कि इस समाज की बुराइयों से उसे बचाकर रखु। ये सब एक बुरे ख्वाब जैसा था।मैं नहीं चाहता कि कभी कुछ ऐसा मेरे बेटे के साथ हो।


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