Divyanjli Verma

Abstract Drama

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Divyanjli Verma

Abstract Drama

नेता जी

नेता जी

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 This story is about a Neta ji. Who thinks that he is very smart. And poor people (मतलब भोली न कि गरीब, वैसे गरीब जनता ही ज्यादातर भोली होती है) will never know the intention of Neta ji.

( पूरी कहानी लिखने से पहले मैं ये बता दू की this story is totally imaginative. अगर इस कहानी के पात्र, स्थान या घटना किसी जीवित प्राणी, स्थान या घटना से ये मिलते जुलते हुए तो ये केवल एक इत्तेफाक होगा।)

(अब कुछ भी लिखने से पहले ये सब भी लिखना पड़ता है क्योकि एक तो कलयुग चल रहा है।जिसके प्रभाव से बचना मुश्किल है। दूसरा आज कल के इंसान। अपनी संकरी सोच से कब क्या सोच ले कोई भरोसा नही।) तो अब आते है कहानी पर। हाँ तो नेता जी बहुत ही सज्जन, ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, देशभक्त इंसान है। नेता जी को

गरीब लोगों की मदद करना अच्छा लगता है। एक बार नेता जी ने अपने भाषण में कहा था कि "मैं भी गरीब परिवार से हूँ। गरीबी क्या होती है ये मैने सिर्फ देखा और महसूस ही नही किया है बल्कि जिया भी है। इसलिए मैं हर एक गरीब का दर्द समझता हूँ। और मैं आज वादा करता हूँ कि मैं हमेशा गरीबों की सहायता करुगा।"

ये बात अलग है कि सत्ता में आने के बाद नेता जी अपने किये वादे भूल गए है। और जब कोई उन्हें उन वादों की याद दिलाता है तो नेता जी कहते है कि "अरे यार वादे तो इसीलिए किये जाते है जिससे उन्हें तोड़ा जा सके।"

नेता जी सामने से तो बहुत सीधे ,भोले और दयालु दिखते है ये बात अलग है कि पीछे से सारे कारनामे नेता जी के इशारे पर ही हो रहे हो। कारनामो से मेरा मतलब है अच्छे कामो से, जनता और देश की भलाई से । कृपया अपने दिमाग का ज्यादा उपयोग करते हुए कुछ भी negative न सोचें। क्योकि ये काम करने के लिए तो पूरी

दुनिया ही बैठी है। अब तय आपको करना है कि आपको भेड़चाल पसन्द है या शेरचाल।

मुझे तो नरेंद्र मोदी और आदित्य योगी जैसे नेता बहुत सही लगते है। मेहनती ,ईमानदार, दूरदर्शी और तुरंत action लेने वाले ।अपने हिन्दू होने पर गर्व करने वाले, अपने सनातनी धर्म को follow करने वाले नेता। और जो सबसे बड़ी बात है। इन दोनों की वो ये की सत्ता के लिए और वोट के लिए कभी किसी की चापलूसी नही की।

हाँ तो वापस आते है नेता जी पर। कल नेता जी ने कहा कि वो शहर का हाल देखने जायेगे। अब तो सब मे खलबली मच गई ।क्योकि शहर का हाल तो ठीक नही है ऐसे में अगर नेता जी ने शहर देख लिया तो दिक्कत हो जाएगी।

वैसे ऐसी कोई बात नही है कि नेता जी से कुछ छुपा है लेकिन फिर भी ख्याल तो रखना ही पड़ता है ना। अब इतना जल्दी तो पूरा शहर का नक्सा बदला नही जा सकता, तो किसी बुद्धिजीवी ने सुझाव दिया कि जहा तक नजर जाए वहां तक चीजो का नक्सा बदल दो जिससे नेता जी सोचे कि सब कुछ सही है ।उनके राज में सब कुछ अच्छा हो

रहा है।  और ये बात तो सबको पता है कि यकीन उसी पर करना है जो खुद अपनी आंखों से देखा हो। तो फिर क्या था बुद्धिजीवी ने लगाई अपनी बुद्धि और जहाँ तक दौड़ी उसकी

नजर वहा तक सारी चीजो को, लोगो को, तिनके तिनके को चमका डाला।जिससे नेता जी की सोच को आराम से बदला जा सके।

गजब का होता है ये इंसान भी। मतलब मिलता क्या है लोगो को ऐसा करके। सिर्फ खुद की बुद्धि का प्रदर्शन। लेकिन क्या फायदा ऐसी बुद्धि का जो विश्व कल्याण का न सोच सके।


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