हमारी अमर प्रेम कहानी,चैप्टर-2
हमारी अमर प्रेम कहानी,चैप्टर-2
" आज स्कूल का आखिरी दिन था। सब कितना रो रहे थे। अब कभी स्कूल नहीं जाना होगा। काश एसा होता कि स्कूल खत्म होने के बाद भी हम स्कूल जा पाते ।सिर्फ एक घण्टे के लिए ही और अपने सारे दोस्तों के साथ समय बीता पाते। स्कूल वालों को ऐसा को नया नियम निकालना चाहिए यार। उन्हें क्या पता कि कितना मजा आती है।" लिली फ़ोन पर अपनी दोस्त जिया से बात करते हुए कहती है।
हाँ यार मजा तो बहुत आती है। लेकिन अब वो मजे वाले दिन गए मैडम। अब हमें college जाना होगा। और वहां स्कूल जैसी कोई मस्ती नहीं होती हैं।
मैं तो सोच रही कि एक बार माधुरी mam से कहूँ कि हमारे लिए 1 घण्टे का क्लास arrange कर दे। जिसमें हम पुराने दोस्त मिल सके।
हाँ हाँ, क्यों नहीं। तू तो बहुत VIP है ना जो माधुरी mam तेरी बात सुनेगी।
सुनेगी यार ।तुझे पता हैं ना मैं उनकी favourite स्टूडेंट हूँ ।
चल अच्छा मान लेते है वो तेरी बात सुन लेती है। लेकिन उस हिटलर प्रिन्सिपल को कौन समझायेंगे यार? माधुरी mam की क्या मुझे तो लगता हैं वो अपनी बीवी की भी नहीं सुनता होगा। ये बोल के दोनों लड़कियां हँसने लगती है।
चल छोड़ फिर। खामखा माधुरी mam को मेरी वज़ह से दिक्कत होगी। अच्छा ये बता तू एडमिशन कहा ले रही है।
Mvs college में। और तू भी वहीं एडमिशन लेगी समझी।
हाँ यार ,इसीलिए तो मैं पूछ रही हूँ। पापा को बताना हैं ना कि किस college में एडमिशन लुंगी।
ठीक है बता दे। अच्छा मैं फ़ोन रखती हूँ। by By,
Mvs college, ये college तो वहीं है शायद जहां हर साल फैशन week होता है। तो उस college में एडमिशन ले रही जिया। not bad,,,,अच्छा college चुना हैं। लिली खुद से बात करते हुए कहती है। फिर वो शीशे के पास जाके अपना मुंह शीशे में देख के खुद से ही कहती है, मैं भी फैशन वीक में participate कर सकती हूँ। इतनी खराब शक्ल तो हैं नहीं मेरी। वाह लिली क्या उत्तम विचार हैं तेरे। अभी एडमिशन हुआ नहीं हैं और miss Mvs का खिताब जीतने के सपने देखने लगी। मैं भी ना पता नहीं क्या क्या सोच लेती हूँ यार।
तभी लिली कि मम्मी उसे आवाज दे के डिनर के लिए बुलाती है। लिली के पापा ,उसकी बड़ी बहन और बड़ा भाई पहले ही आ चुके थे। लिली भी आके अपनी चेयर पर बैठ जाती है। सब खाना खाना शुरू कर देते है।
थोड़ी देर बाद लिली का भाई उससे पूछता है।
किस college में एडमिशन लेगी तू?
हाँ, वो मैं Mvs college में।
नहीं वहां नहीं ,पापा वहां लड़के पढ़ते है। इसे वहां मत भेजो। लिली कि बड़ी बहन कहती है।
पर मैं पहले भी तो convent स्कूल में ही पढ़ती थी।
तब तू बच्ची थी। अब बड़ी हो गई है। लिली कि बड़ी बहन कहती है।
क्या दीदी, जिया भी वहीं एडमिशन ले रहीं है। उसके घर वाले तो कुछ नहीं बोले। फिर आप मुझे क्यों बोल रहीं हो?
जिया कुएं में kudegi तो तू भी kudegi क्या।
मुझे नहीं पता, मुझे वही एडमिशन लेना है। लिली बोल के खाना छोड़ के जाने लगती है तो उसकी माँ कहती है, क्यों खाने के waqt ऐसा करते हो तुम लोग ।कितनी बार कहा है कि बाते बाद में पहले खाना। फिर लिली कि माँ उसे मना के वापस ले के आती है। मगर लिली अब भी गुस्से में मुंह फुलाए बैठी रहती है। तो उसकी बहन कहती है, अच्छा ठीक है तू भी Mvs में ही एडमिशन ले लेना। अब तो खुश है।
लेकिन लिली कुछ नहीं कहती और न ही खाना खाती है। तो उसकी माँ कहती है, अब तो वो भी हाँ कह रहीं। अब क्यों नाराज है।
पहले सॉरी बोलो।
ठीक है बाबा सॉरी। लिली कि बड़ी बहन कहती है। फिर लिली खुश हो जाती है और खाना खाती है। तो उसका भाई कहता है, देख रहे हों पापा कितने नखरे है इसके। 18 साल की हो गई है मगर अब भी वहीं बचपना है।
अरे कोई बात नहीं। अभी बच्ची ही है वो।
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खाना खाने के बाद सब सोने चले जाते है। लेकिन लिली को college जाने की एक्साइटमेंट मे नींद नहीं आ रहीं थीं। vo बेड पर लेटी उन scene को याद कर रही थी जो अब तक उसने movies में देखी थी। वो भी यही सोच रही थी कि college में एसा होगा, वैसा होगा, ये होगा, वो होगा।
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हर लड़की की तरह 18 साल की लिली का जवान दिल भी नई जगह जाने, नए दोस्त बनाने के लिए मचल रहा था। हालाँकि वो भी नए college को लेके थोड़ा नर्वस थी। लेकिन एक्साइटमेंट के आगे वो भी कम था।
मगर लिली के college का पहला दिन उसकी जिन्दगी बदल देता है।
कहानी जारी है।
क्रमशः