नासमझ बेटा
नासमझ बेटा
आज मदर्स डे है बच्चे अपनी मां को ढेर सारी शुभकामनाएं दे रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से मां के प्रति प्यार की खूब वाहवाही लूटी जा रही है। वह एक अलग बात है कि मां से बात किए चाहे साल हो गए हो.
विमला आज बहुत खुश है. विमला के बड़े बेटे रमेेश का आज फोन आया था .मदर्स डे पर उसने मां को शुभकामनाएं दी.जल्दी घर आने का फिर से झांसा दे दिया.
बड़ा बेटा शहर में नौकरी करता है वह अपनेेे परिवार को लेकर वही एडजस्ट हो गया. विमला के पति को मरेेे 3 साल हो गए. वह गांव में उसी वक्त आया था . उसके बाद वह गांव मेंं नहीं आया आया हर साल मदर्स डे पर फोन कर मां को शुभकामनाएं और घर आने का झूठा झांसा देता है.
आज मां के साथ लगभग 5 मिनट बात की आज तो बहू ने भी मां को शुभकामनाएं दी मांं के साथ बेटेे ने सोशल मीडिया पर फोटो वायरल की और सभी से खूब वाहवाही लूटी सभी ने उसके मां के प्रति प्यार को खूब सराहा.
दूसरा बेटा संजय जो कि मां के साथ गांव में ही रहता है खेती बाड़ी का काम करताा है. उसके आर्थिक स्थितिििि इतनी अच्छी नहीं है परंतु मां का पूरा ध्यान रखता है .उसका खानपान का पूरा ध्यान रखता है और जब भी कभी बीमार हो जाती है तो उसको दवाई दिलाना उसकी देखरेख करने में कोोई कमी नहीं छोड़ता है. माता वह पूरा ख्याल रखताा है. वह मां के बिना पल भर भी नहीं रुक सकता रुक सकताजब भी कहीं से आता है सबसे पहले मां को पुकारता है ..
हर रोज की तरह आज रात को जब मां के पैर दबाने आयाा तब मां ने कहा" आज मदर्स डे है और आप मुझको शुभकामनाएं नहीं दोगे."
इस बात को लेकर संजय ने कहा "मां !जब आप मेरे साथ हो तोो मेरे लिए हर रोज मदर्स डे हैं आज क्याया कुछ अलग है."
इस बात को सुनकर मां की आंखों में आंसू आ गगये. और संजय के गाल पर हाथ फेरते हुए बोली मेरा नासमझ बेटा तेरा क्या करूं.बस माँ रात भर यही सोचती रही जिस बेटे ने पूरे साल में आज मेरेे से 5 मिनट बाद की और खूब वाहवाही लूटी और एके बेटा जो मेरी पूरी देखरेख करता है परंतु कोई दिखावा नहींं है. बस अपने दोनों बेटों की तुलना करते हुए ना जानेे मां को कब आंख लग गई.