"आत्मविश्वासी महिलाएं "
"आत्मविश्वासी महिलाएं "
सर्व प्रथम यह बात बहुत जरूरी है।
कि महिलाओं मेंआत्मविश्वास बढ़ाने के लिए
बालिकाओं को शिक्षा चिकित्सा स्वास्थ्य रोजगार
प्राप्ती मेंआवश्यकतानुसार सहायता सहयोग दिया
जाना सुनिश्चित किया जाएं।
साथ ही सरकारी-गैर सरकारी नौकरीयां राजनैतिक
एवं सामाजिक गतिविधियों में पुरुषों के बराबर
भागीदारी सुनिश्चित कि जाएं।
एवं साथ ही जैसे घर से प्राथमिक विद्यालय तक
मेंआत्मविश्वास बढ़ाने के लिए गांव शहर घर विधालय
स्तर पर बुद्धिजिवी लोगों कि महिलाओं केआत्म
विश्वास बढ़ाने के सेमिनारें एवं महिलाओं कि जुड़े
कराटे प्रतियोगिताएंआयोजित कि जाएं।
ताकिआगे चलकर तभी महिलाएं आत्मविश्वासी बन सकेगी।
कुछआत्मविश्वासी महिलाओं कोआदर्श के रूप में
पढ़ाया-लिखाया जाएं।
ताकि महिलाएं उन्हेंअपनाआदर्श मान कर
आत्मविश्वासी बनेंगी।
भारतीय संस्कृति में गांवों में महिलाएं बहुत संकोच करती हैं।
महिलाओं को घुंघट,पर्दा प्रथा जैसी कुप्रथाओं को
समाप्त करने के लिए प्रेरित करने किआवश्यकता हैं।
यह एक सामाजिक बुराई हैं।
यह महिलाओं केआत्म विश्वास के लिए घातक हैं।
इसलिए इसे सामाजिक जन चेतना द्वारा
समाप्त करने किआवश्यकता हैं।
इसे समाप्त करने के लिए इसमें महिलाओं पुरूषों
सामाजिक कार्यकर्ताओं राजनैतिक लोगों
बुद्धिजिवीओं का सहयोग लिया जायें।
ताकि यह घूंघट पर्दा प्रथा जैसी सामाजिक
कुप्रथाओं समाज से जल्दी समाप्त हो।
एवं महिलाएंआत्मविश्वासी बन सकें।
महिलाओं के आत्म विश्वास में बढ़ोतरी के लिए
सामाजिक जन चेतना के लिए सामाजिक
संगठनों सामाजिक कार्यकर्ता बच्चों बुड्ढों
युवाओं सभी लोगों का सहयोग लिया जायें।
ताकि महिलाएंआत्मनिर्भर सक्षम बनकर
राष्ट्रीय हित में प्रत्येक कार्य में पुरुषों के साथ
बराबर भागीदारी निभा सकें।
एवं महिलाएं राष्ट्रीय हित मेंअपना योगदान दें सकें।जय हिन्द
