मेरी पहचान हो तुम-5
मेरी पहचान हो तुम-5
अर्श और श्रुति कैबिन मे पहुचते है। अन्दर मैनेजर पहले से एक जरूरी फाइल लेके खड़ा रहता है।
"गुड मॉर्निंग सर,गुड मॉर्निंग मैम"
अर्श मैनेजर को स्माइल के साथ गुड मॉर्निंग बोलता है। फिर पूछता है
"कहा है वो फाइल?"
"जी सर,ये रही वो फाइल।"
"चलो अब मीटिंग का टाइम भी हो गया है।"
मीटिंग के लिए जाने से पहले अर्श श्रुति के पास जाता है। जो अपना वायलिन लेके कुछ प्ले कर रही थी। श्रुति को गाना गाने का शौक है और साथ ही वो वायलिन भी बहुत अच्छा बजा लेती है। इसलिए अर्श ने अपने ऑफिस मे ही श्रुति के लिए सब कुछ रखवा दिया था। जिससे जब अर्श काम मे व्यस्त रहे तो श्रुति भी अपना मनपसंद काम कर सके।
(मगर श्रुति के लिए ऑफिस मे ये सब क्यों? वो विला मे भी तो ये काम कर सकती है? मगर अर्श श्रुति से एक पल भी दूर नहीं रह पाता है। वो जहा भी जाता है श्रुति के साथ ही जाता है। इसीलिए उसने ऑफिस में भी श्रुति के लिए उसकी पसंद की सारी चीजों की व्यवस्था कर रखी थी।जिससे श्रुति बोर ना हो।)
अर्श श्रुति के पास जाके उसके माथे पर किस करता है और कहता है , " बेबी मैं मीटिंग के लिए जा रहा हूं। आप यही रहना। कुछ भूख लगे तो खा लेना। मैं अभी आता हूँ। "

"अर्श, आप जाओ। मैं यही हूँ।"
" लव यू बेबी"
"लव यू टू"
फिर श्रुति अर्श को गले लगती है ।और अर्श उसके माथे पर kiss करता है और चला जाता है।
कहानी जारी है........