माता-पिता
माता-पिता
राहुल प्रतीक को गहरी चोट आ गई है। राहुल विद्यालय से प्रतीक की शिकायत आ रही है। राहुल आज क्रेश में प्रतीक को सही खाना नहीं खिलाने से उसकी तबीयत खराब हो गई है। आए दिन सीमा, राहुल को फोन कर करके परेशान करती। राहुल की शुरू से इच्छा थी कि, उसके माता-पिता उनके साथ ही शहर में रहे। लेकिन गांव छोड़ते वक्त सीमा ने कह दिया कि वह शहर माता-पिता को साथ नहीं ले जाना चाहती है।
राहुल की नौकरी ऐसी थी कि महीने के दस 10 दिन वह बाहर ही रहता था अतः सीमा को पाँच साल के बेटे प्रतीक के साथ कई कई दिनों तक अकेला ही रहना पड़ता था। सीमा भी अपनी नौकरी के चलते प्रतीक के प्रति अपनी जिम्मेदारियां अच्छे से वहन नहीं कर पा रही थी। सीमा जो की रेत पर अपना मकान बनाने चली थी कुछ ही दिनों में उसे आटे दाल के भाव मालूम हो गए। खुद आगे से फोन करके उसने माता-पिता को शहर आने की विनती की। आज 10 वर्ष बीत चुके हैं इस निर्णय से सीमा का न सिर्फ घर मजबूत हुआ वरन प्रतीक एक बहुत ही संस्कारी बच्चा बनकर भी सामने आया है। अब सीमा के घर की जड़े मजबूत हो चुकी हैं। घर में सभी फल-फूल रहे हैं।