मानवता देख मौगेम्बो खुश हुआ
मानवता देख मौगेम्बो खुश हुआ
राजू ने 'मिस्टर इंडिया' फिल्म 12 बार देखी।हर बार उसके अंदर का 'मिस्टर इंडिया' जाग जाता था पर 'मोगैम्बो' की तलाश जारी थी।एक दिन उसकी नज़र में मौगेम्बो मिल गया।यह कोई और नहीं,उसी का जिगरी दोस्त अब्दुल था।फिर क्या था।रोज मर्रा की जिंदगी में जब भी वो मिलते और कोई काम करते,उनके साथ मौगेम्बो का किरदार साथ रहता।
राजू व बासित खेल कर घर लौट रहे थे कि धड़ाम की जोरदार आवाज कहीं पास से ही सुनाई दी।भौचक्के से दोनों इधर उधर आवाज कहाँ से आई पता करने लग गए तभी उनकी नजर सामने चौराहे पर पड़ी,जहां लोगों की भीड़ किसी को घेरे हुए थी।राजू बोला-"सुन मौगेम्बो(बासित),कुछ वहां हुआ है,हलचल हो रही है।","मिस्टर इंडिया(राजू)गायब हो कर देखेगा या वही चलेगा।"-बासित बोला दोनों यह कहते हुए वहां पहुंचे।एक बुजुर्ग महिला किसी वाहन की टक्कर से गिरी हुई थी।लोग उनको हॉस्पिटल ले जाने की तैयारी कर रहे थे।तभी बासित बोल उठा-"मिस्टर इंडिया, अब कुछ कर दिखा। तभी ये 'मौगेम्बो खुश होगा'।" राजू ने मिस्टर इंडिया स्टाइल में अम्मा को उठाया और थ्री व्हीलर में बैठा कर चल पड़ा।अम्मा हल्की बेहोश थी,कुछ बुदबुदा रही थी।पर क्या,साफ सुनाई नहीं दे रहा था।हॉस्पिटल इमरजेंसी में डॉक्टर ने देखा और बोला-"अम्मा के बेटे या परिवारीजनों को बुलाओ,तभी उपचार शुरू होगा।" राजू बोला-जब "मिस्टर इंडिया'यहां है।"डॉ बोला-"अरे भाई इनका बेटा कहाँ है?"राजू बोला-"साहब इलाज शुरू करो,बेटा का पता कैसे चलेगा,अभी से हम ही अम्मा के बेटे है।"राजू की बात सुन बासित से रहा नहीं गया और बोला-"मौगेम्बो खुश हुआ।"डॉ-"यहां जीने-मरने की पड़ी है तुमको मिस्टर इंडिया के डायलॉग की पड़ी है।"राजू(मिस्टर इंडिया)-"डॉ साहब आप इलाज करो जल्दी,मौगेम्बो दूध में डाल लाया हल्दी"।बासित(मौगेम्बो)-"हल्दी चोट को जल्दी ठीक करने में मददगार है",तभी डॉ बोले-"दूध पीते है हुआ चमत्कार है।"अम्मा होश में आ गई, अपनी जुबान से बोली"बच्चों ,मेरा दुनियां में कोई नहीं है।"मिस्टर इंडिया(राजू)अम्मा से लिपटकर बोला-"अम्मा,हम है आज से आपके बच्चे।"बासित से रहा नहीं गया,इस बात पर फिर वहीं डायलॉग बोला-"अरे वाह क्या सीन है,मौगेम्बो खुश हुआ।"इस कहानी का किरदार खलनायक सकारात्मक सोच रखता है।जब भी मानवता से नाता कोई रखता है तभी"मौगेम्बो खुश हुआ" बोलता है।