Dr Lalit Upadhyaya

Fantasy

4.0  

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'मिट्टी' रोबोट की नसीहत

'मिट्टी' रोबोट की नसीहत

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इंसानी जज्बे को 'वो' क्या समझे, पर विज्ञान की प्रगति के गर्भ से जन्मा है 'वो' तो कौन है वो?वैज्ञानिकों के अद्भुत प्रयास से जन्म हुआ-'रोबोट'...कहानी में नाम है-'मिट्टी'रोबोट। मिट्टी रोबोट का डायलॉग-जो 'मिट्टी' से टकराएगा है,मिट्टी में मिल जाएगा।मिट्टी को मूर्त रूप देने वाले वैज्ञानिक 'डॉक्टर खासी' के आदेशों का रोबोट मिट्टी पालन जरूर करती था। डॉक्टर खासी मिट्टी से हर काम को करवाने में सफल हो रहा था। पर 'खासी' कभी डर से उस समाचार से सहम भी जाता है जब उसके जेहन में जापान की फैक्टरी में सन 1981 में रोबोट द्वारा मानव हत्या की पहली घटना जिक्र आता था।कावासाकी फैक्टरी में उस रोबोट ने अपने हाथ से एक मजदूर को चूर-चूर कर दिया। डॉ खासी की हिम्मत तब बढ़ जाती थी जब उनको रोबोट के इतिहास को पढ़ने से पता चलता था। खासी को पढ़ने को मिला कि रोबोट चेक शब्द रोबोटा से लिया गया है। उद्योग क्षेत्र में लगभग दस लाख से अधिक रोबोट का उपयोग हो रहा है।इनमें से आधे से अधिक जापान में है।अमेरिका के पास चार हजार रोबोट की सेना है।अफगानिस्तान में ओसामा बिन लादेन के ठिकाने को ढूढने में टेलोन बोट्स रोबोट ने मदद की थी।डॉ खासी को अपने गुरु की पढ़ाई वो बात भी याद आ जाती है जब यह पहली बार 1921 में एक नाटक आर यू आर में सामने आया।इस नाटक का अंत दुखद है,इसमें मशीन अपने बनाने वालों की हत्या कर देती है।केवल एक व्यक्ति ही बचता है जो उसको नियंत्रित कर पाता है। कभी कभी रोबोट'मिट्टी'का मिजाज भी गर्म हो जाता था तब डॉ खासी की रूह कांप जाती थी। मिट्टी में इंसानी जान डालने की पहली बार कोशिश कर रहे डॉ खासी को देर रात काम करते हुए सर्दी बैठ गयी और डॉ खासी की 'खाँसी' से मिट्टी का भेजा गरमा ने लगा।मिट्टी रोबोट बोला-"डॉ खासी अगर आपके खांसी जुकाम से मुझे भी खतरा बढ़ रहा है,आजकल दुनियां में इस तरह के प्राथमिक लक्षण जानलेवा महामारी कोविड-19 वायरस "कोरोना" के भी है।डॉ खासी मुझसे प्रयोग दो गज दूरी से करो और हां मास्क,हाथों को बार बार सैनिटाइज करके ही मुझे ऑपरेट करना।" डॉ खासी खांसते हुए-"अभी तो रोबोट मिट्टी में इंसानी जान भी नहीं आई और यह इंसानों से भी ज्यादा समझदार बातें कर रहा है।कोरोना के कहर को रोबोट मिट्टी भी समझ रहा है।डॉ खासी ने मिट्टी की बात पर अपने साथी वैज्ञानिकों को चिट्ठी लिखी और एंटीजन टेस्ट कराने बीबी व दोनों बच्चों के साथ अस्पताल पहुंच गया।चारों लोग कोविड 19 पॉजिटिव की खबर सुनकर डॉ खासी मिट्टी की बात को याद करने लगा।काश!मैंने भी समझदारी दिखाई होती तो पूरा परिवार कोरोना की चपेट में नहीं आता।लगातार 14 दिन आइसोलेशन के बाद फिर एंटीजन टेस्ट में रिपोर्ट नेगेटिव आने पर राहत की सांस ली। रोबोट मिट्टी मशीन में इंसानी जान के प्रयोग से पहले ही इतनी समझदारी है,ईश्वर इंसान को कब समझ आएगी जब तक दवाई नहीं ,तब तक ढिलाई नहीं।अगर तुमने मिट्टी की बात नहीं मानी तो जो ढिलाई बरतेगा,जान जोखिम में पायेगा।


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