खुबसूरत ममता
खुबसूरत ममता


"सर थोड़ा इधर मुड़िये मैम के साथ", एक रिपोर्टर चिल्लाता है।
खच्चाक, फोटो खिंचता है।
" सर आपको कब पता चला, आपको मैम से प्यार है", दुसरा पुछता है।
"प्यार तो शुरू से ही था, पर करीब हमदोनो, इसके केस के फाईनल जजमेंट के दिन से आना शुरू हुये", राजेश बोला।
" सोनी मैम क्या आपको राजेश सर के बारे में कुछ कहना है", तीसरा रिपोर्टर पुछता है।
"ज्यादा कुछ नहीं पर इन्होंने मेरा हाथ पकड के सहारा दिया इसके लिये मैं इनकी आभारी हूँ,", सोनी भरी आंखों से बोलती है।
राजेश उसको चुप कराता है और हाथ जोड़ते हुये बोलता है, " आज के लिये इतना ही धन्यवाद"।
ये है आज कि सबसे ब्रेकिंग न्यूज़, राजेश है इस देश का असली हीरो, सोनी जैसी एसिड अटैक पीड़िता का हाथ थाम कर उसने साबित कर दिया है, और देश कि सबसे चर्चित हस्ती ने इनहे जिंदगी कि नयी शुरुआत करने के लिये दी है बहुत सी शुभकामनाएं ,ये सुंदर सा फ्लैट, बहुत से रूपये और अपनी कम्पनी में नौकरी भी, कैमरामैन रमेश के साथ, मुंबई न्यूज़।
उधर एक रूम में राजेश अपने दोस्त श्याम के साथ शराब पीते हुये।
यार समझ नहीं आया तुने ऐसी लडकी से शादी के लिये क्यों हां की , शक्ल से तो अच्छा भला है तु, सुबह उठ के उसका चेहरा कैसै देखेगा यार, कितनी डरावनी लगती है। लड़कियों का शहर में आकाल था क्या प्यार करने के लिये?
राजेश जोर से हंसते हुये।
"यार तुम्हे तो पता है मैं किस आर्थिक तंगी से गुजर रहा था, लाखो का लोन था सर पर और बाॅस ने भी निकाल दिया था।
तभी मुझे एक उपाय सुझा, क्यों ना सोनी से शादी कर लुं। वो देखा था वो एसिड अटैक वाली पिडिता ... क्या नाम था उसका... हां... रानी कितना कुछ दिया था लोगों ने उसके पति को रातों रात किस्मत चमक गयी थी लौंडे कि", राजेश बोला।
"हां हां याद आया, रंक से राजा बन गया था रातों रात वो,सुर्खियों में था सो अलग,", रमेश को याद आया।
"बस फिर वही देखो रातों रात, अच्छी नौकरी, पैसे, फ्लैट आ गिरे दामन में मेरे, इससे पहले मुझे जानता कौन था, एक रूम के फ्लैट में रहता था, कोई मुझे जानता भी नहीं था, बस एक बार सब हाथ में आ जाये शादी चलाना ना चलाना अपने हाथ में है और मैं हूँ भी लड़का दुसरी शादी मुश्किल कहां है ", राजेश बोला।
" साले बचपन से शैतान खोपड़ी है तू", रमेश बोला।
और दोनो ठहाके लगा कर हंस पडे़।
राजेश ने सोचा भी ना था वैसी शादी हुयी, बहुत से सितारे आये शादी में, खुब फोटोशूट हुआ, सबने आशिर्वाद दिया नये जोड़े को, सब तरफ राजेश के इस कदम कि सराहना हुयी, न्यूज़ पर भी आयी इनकि शादी।
फिर कुछ दिनों में राजेश जान बुझ कर सोनी से लड़ने लगा।
सोनी समझ गयी, राजेश का मन उससे भर गया है, आखिर थी तो वो औरत ही।
राजेश और सोनी ने तलाक कर लिया, वजह बतायी स्वभाव का ना मिलना।
राजेश ने तुरंत दुसरी शादी कर ली अपनी योजना अनुसार।
सोनी एसिड अटैक आश्रम में आ गयी अकेलेपन से।
इधर सोनी फिर अकेली पड़ गयी, उसके पेट में राजेश का बच्चा पल रहा था, सब ने कहा इसे गिरा दो पर सोनी ना मानी वो बोली, "हमारे लडा़ई में इस नन्हे जान का क्या कसूर, मैं इसे धरती पर लाऊंगी, अकेले पालुंगी इसे।
आखिर सोनी को एक लडकी हुयी नाम रखा आरती। सारे आश्रम कि चहेती थी वो, सब प्यार करते।
पर अकेली माँ होने के नाते सोनी के सामने आरती को पालने कि कई चुनौतियां भी थी। आखिर माँ और बाप दोनो का फर्ज जो निभाना था। आरती के परवरिश तक सोनी ने आश्रम में ही पिडि़ताओ का काउंसिलिंग शुरू किया। जब कोई ग्राहक नहीं रहता ,आ कर आरती का ख्याल रखती, वरना आश्रम वाली ताई उसको देखते रहती।
धीरे धीरे वो बडी होने लगी।
सोनी के लिये सब कुछ थी वो।
सोनी अपने दुःख को आरती के सामने ना आने देती, हरदम खुश रहती।
धीरे- धीरे आरती सोनी कि ममता में बड़ी होने लगी।
स्कूल में नाम लिखा गया तो पापा के नाम वाला काम खाली रखा गया।
एक दिन आरती के स्कूल में एक प्रतियोगिता थी, विषय था" मेरी माँ सबसे सुंदर "और आरती उसमें प्रथम आयी।
सोनी कि आंखे छलछला आयी।
आरती उससे लिपटते हुये बोली, " लव यू माँ "।