Swati Rani

Others

4.8  

Swati Rani

Others

दो टूक

दो टूक

1 min
119


"अरे सोहन भाई, कहाँ हो कोई खबर नहीं, कितना फोन मिलाया! न्यूज़ सुना कि नहीं कंपनी खुल गयी है, कब आ रहे हो ज्वाइन करने?? ", उधर से आवाज आयी! 

"हम्म सुना तो है कंपनी खुल गयी, सरपंच जी के टीवी पर देखे थे कले", सोहन बोला! 

"तो फिर बोलो हवाई जहाज का टिकट भेज दूं, कब आने का मूड है, भाभी जी और मुन्ना कैसे हैं? ", उधर से आवाज आयी! 

"हवाई जहाज का टिकट तो काफी महंगा आयेगा ना साब??", सोहन ने उत्सुकता से पुछा! 

"हाँ आयेगा तो कोई छह-सात हजार में, पर तुम्हारे सामने ये कीमत मामूली है, चाहो तो परिवार को भी ले आओ व्यवस्था हो जायेगी", उधर से आवाज आयी! 

"याद है मालिक जब हम आपसे हजार रुपये मांगे थे कि मुन्ना भूखा है दे दो,बीवी गर्भवती है गांव जाना है,तो बोले थे कि आपको खुद खाने का लाला पड़ा है, अब कौनो बैंक में डाका डाले हो का जो प्लेन के टिकट भेजोगे?? यहीं अपनी माटी पर खेती बाड़ी करेंगे, नून रोटी खायेंगे, पर वापस बेईज्ज़त होने नहीं आयेंगे,हम दोनों को एक दुसरे कि जरूरत बराबर है, बड़ा आये हितैषी,भाभी जी कहाँ है मुन्ना कहाँ है! उस वक्त कहाँ थे जब पैदल सड़क नापे थे हमलोग, रखो फोन, आज के बाद मत करना!


Rate this content
Log in