लव यू यार
लव यू यार
माथे पर कुमकुम की छोटी सी बिंदी और बालो का बेतरतीब सा जुडा बनाएं वो रसोई से लिविंग रूम के बीच लगभग दौड रही थी सबकी सुबह की फरमाइशे पूरी करती हुई!
बहू चाय को दोबारा गरम करो ठंडी हो गयी!
मां टोस्ट थोडे कुरकुरे सेको!
बहू मुझे तो पोहा दे दे मुझसे ये कुरकुरा टोस्ट कहां खाया जायेगा!
बहू मेरी खाली पेट की दवाई तो
जी हां जी अभी लायी ये शब्द ही कानो में पड रहे थे उसकी ओर से!
मैं बेडरूम से उठकर सोफे पर आ धंसा अखबार हाथ में ले लिया पढने के लिए! फटाफट एक कप चाय मेरे सामने भी आ गयी बिना मांगे ही! वैसे अक्सर ही मुझे बिना मांगे सब चीज़ मिलती रही हैं और सही टाइम पर भी!
लेकिन आज मेरा मन अखबार पढने में नही था मैं उसे ही देख रहा था अखबार के पीछे से भी शायद नहाकर पूजा भी कर ली थी तभी तो कुमकुम माथे पर इतनी सादगी में भी सुन्दर लग रही थी और इतनी भागमभाग में भी ताजा
ये तो मेरे घर का रोज का ही सीन रहता होगा लेकिन मैने कभी नही दे
खा क्योंकि ये मेरे आफिस जाने के बाद का या फिर जब मैं अपने कमरे में आफिस की तैयारी कर रहा होता हूंगा तबका अब देखो मैं तो सही सही बता भी नही पा रहा कब का!
मैं तो रोज ऑफिस भागते भागते मोबाइल में नजरे गडाये नाश्ता करके निकल जाता मैने कभी ठहर कर उसे देखा नही अगर ओफिस में कोई पूछ भी लेता कि आज आपकी वाइफ ने कौन सा रंग पहना था तो शायद बता नही पाता इतना अनभिज्ञ कोफ्त सी होने लगी खुद से
मैं अपने ख्याल में ही खोया था तभी बाबू जी ने कहा बहू हमारा तो हो गया नाश्ता अब जरा दवाई दे दो तो हम अपने कमरे में चलें बच्चे भी खा पीकर इधर उधर हो लिए थे मां टेबल से उठकर बाहर गेट पर पडोस वाली आंटी से बतियाने लगी थी!
उसने पूछा बताइये जनाब आपका नाश्ता?
मैने उसके कंधे पकडकर उसके सोफे पर बैठाया और बोला तुम बैठो आज मैं लगाता हूं अपने दोनों के लिए ब्रेक फास्ट और हां बताओ चाय पीओगी या कोफी वो बडी बडी आंखों से मुझे आश्चर्य से देख रही थी और मैं छोटी छोटी आंखे मिचका कर उसे कह रहा था लव यू यार।