लप्रेक
लप्रेक
एक अरसे बाद आज फोन आया था पूछी क्या हो रहा है आजकल
मैं बोला - "वही टाइम पास "
"टाइम पास.... मतलब ? "
"मतलब वही लिख रहा हूँ। "
"ओहो। तब क्या लिखते हो आजकल मिस्टर एक्स "
"लप्रेक" - मैं बोला
" लप्रेक.... मैं समझी नहीं ?"
"लप्रेक मतलब होता है ल से लघु प्रे से प्रेम क से कथा मतलब हुआ लघु प्रेम कथा। "
"लिखने में भी डंडी मारते हो"और निर्बाध चार - पाँच मिनट तक ठठाकर हँसती रही ।
"अरे बाप हँसते हँसते पेट में दर्द हो गया। जमाना बीत गया बहुत दिनों बाद मैं आज इतना खुल कर हँस पायी हूँ मैं । तुम्हारे इसी कृत्य का तो कायल थी मैं।बेवजह जब न तब तुम हँसा दिया करता थे।"
"और बोलो घर परिवार सब ठीक है न। "
"जी सब अच्छा है।"
"चलो फोन रखती हूँ फिर कभी बात करूंगी। "
घंटो बीत चुका है फोन रखे हुए पर, वातावरण में अभी भी उनकी हँसी गूंज रही है।
और मन ही मन मैं सोच रहा हूँ तुम तो हँस कर चली गई और मैं.....?