Vimla Jain

Tragedy Inspirational

4.0  

Vimla Jain

Tragedy Inspirational

लिव इन रिलेशनशिप

लिव इन रिलेशनशिप

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 लिव इन रिलेशनशिप रोज नए-नए रूप में नए नए नाम से यह समाज में चलता ही रहता है। मुझे तो लगता है, यह समाज कहां जाएगा ।

व्यभिचारीता, अनैतिकता नए-नए लुभावने नामों से सामने आने लगी है, कभी लिव इन रिलेशनशिप, कभी कुछ और नाम से कभी कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ।मगर यह सब चलता ही रहता है।

बिना मैरिज के बिना कोई शर्त के एक दूसरे के साथ में रहना संबंध बनाना और सब को नैतिक बताना, यह है लिव इन रिलेशनशिप।

जिसमें लड़के लड़की दोनों ही किसी भी तरह की शर्तों को मानने मान्य रखने के लिए बाध्य नहीं होते हैं।

आजकल महानगरों में ऐसा बहुत चल रहा है।

और यह सामाजिक पतन का एक बहुत बड़ा कारण है।

मुझे इस बात का बहुत दुख है। तथाकथित सभ्य समाज में भी इसका प्रचलन काफी चल रहा है ।

कभी उन बच्चों ने सोचा है, कि हमारे मां-बाप की समाज में क्या स्थिति होगी। जब लोगों को पता लगेगा कि हम लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं ।

नहीं, बच्चे अपना ही सोचते हैं, अपना स्वार्थ अपना तथाकथित फॉरवर्ड नेस, अपनी आजादी, बाकी दुनिया जाए भाड़ में,

अपनी अपनी सहूलियत भरी जिंदगी आजादी भरी जिंदगी, मौज मजे वाली जिंदगी चलती रहनी चाहिए ।

आज में इस विषय पर एक काल्पनिक कथा लिख रही हूं

रिचा अपनी हायर स्टडीज कंप्लीट करके महानगर मुंबई में एक कंपनी में बहुत ऊंची पोस्ट पर चुन ली जाती है।

उसके मां-बाप उसको अकेला वहां भेजने तैयार नहीं होते हैं।

मगर वह नहीं मानती है।

वह बोलती है, कि मुझे कभी तो अकेला रहना ही है, तो अभी मुझे अकेला रहने दो, जॉब करूंगी।

और मुझे ठीक लगेगा, तब आप लोगों को बुला लूंगी ।

उसको मुंबई में उसकी कंपनी एक फ्लैट भी देती है ।एक कार भी देती है। मतलब सब सुख सुविधाएं देती है ।

और वह आराम से अपनी नौकरी चालू कर देती है। और अपनी स्वतंत्रता पर बहुत खुश होती है, कि अभी यहां मेरे को कोई रोकने टोकने वाला नहीं है, मैं अच्छे से जॉब कर सकती हूं ।

एक दिन वह जॉब से घर आ रही होती है तो उसका एक बचपन का दोस्त जिसको वह बहुत पसंद करती थी, मिलता है ।

वह तो उसको देखकर बहुत खुश हो जाती है। और उसको पूछती है तुम यहां कैसे बहुत सालों बाद मिले हो।

तो वह बोलता है बंदा तो रहने के लिए जगह ढूंढ रहा है। मेरी यहां पर नौकरी लगी है ।

और मैं अपने गांव से यहां आया हूं नौकरी करने के लिए ।

पर अभी रहने की जगह नहीं मिल पाई है। इसलिए मैं एक धर्मशाला में रुका हूं।

वह बोलती है, तुम घर पर आ जाओ, मेरे पास में एक फ्लैट है, कंपनी ने दिया है। जब तक तुम्हारे को दूसरी जगह नहीं मिलती है, तब तक तुम यहीं रह लो।

वह बिल्कुल नहीं सोचती है, कि मैं इसको घर पर कैसे बुलाऊं रहने के लिए। उसका दोस्त भी उसके घर आ जाता है।

उसको तो और क्या चाहिए होता है, रहने की जगह ही तो चाहिए थी। और उसको बोलता है, जैसे एहसान कर रहा हो ठीक है मैं दो-चार दिन में जगह देख करके शिफ्ट कर जाऊंगा। और दो-चार दिन करते-करते 1 महीने से ऊपर बीत जाता है और वहां से जाता नहीं है।

इस बीच उनके बीच में ऐसी परिस्थितियां आ जाती है कि उनके बीच की दूरी खत्म हो जाती है। और वे एक रिलेशनशिप में बन जाते हैं। उसके बाद जब भी वह लड़का जाने की बात करता है, तो वह उसको रोक लेती है। धीरे-धीरे दोनों में इतनी ज्यादा रिलेशनशिप बढ़ जाती है। और वे उस पर पर इतना भरोसा करने लग जाती है, यह पूछती भी नहीं है कि वह क्या जॉब कर रहा है। क्या कर रहा है। एक दिन वह उसको बोलती है, अब मेरा तेरा कुछ नहीं है। सब हमारा है। मन में यह सोचती है, कि मैं इसके साथ में शादी करके सेटल हो जाऊंगी। मगर उस लड़के के मन में तो कुछ और ही बात होती है।

वह तो ले भागू होता है। उसका काम भी उठाई गिर का ही होता है। और रिचा सोच नहीं पाती है, कि यह ऐसा काम करता होगा।

उसको तो ऐसा लगता है, कि वह बहुत कुछ काम अच्छा काम कर रहा होगा। क्योंकि बचपन में बहुत अच्छा था।

ऐसे ही वह एक दिन उसको बातों में फंसा लेता है ।और उसको बोलता है कि अपन एक ज्वाइंट अकाउंट खुलवा देते हैं। रिचा खुशी-खुशी मान जाती है। उसके मन में तो शादी का ख्वाब होता है ।और दोनों का जॉइंट अकाउंट खुल जाता है। थोड़े दिन बाद उससे शादी के लिए फोर्स करती है ।

तो वह आनाकानी करता है ।

और एक दिन जब रिचा अपने जॉब पर गई हुई होती है, जब वह उसका सारा कीमती सामान कैश जेवर वगैरह सभी और अकाउंट भी साफ कर जाता है। और वहां से भाग जाता है।

जब रिचा शाम को घर आती है घर की हालत देखती है तो बड़ी दुखी होती है। वह सोचती है कोई चोर आया होगा, कि मेरे दोस्त को आने देती हूं फिर हम दोनों जाकर पुलिस में रिपोर्ट करवाएंगे। थोड़ी ही देर में बैंक से एक मैसेज आता है कि तुम्हारा अकाउंट में बैलेंस जीरो है। वैसे एकदम शॉक में आ जाती है ऐसा कैसे हुआ। फिर भी वह शाम तक उसका उस दिन रात तक उसका इंतजार करती है। वह कहीं नजर नहीं आता अब उसका सामान टटोलती है उसका सामान नहीं होता है।

उसका उसने घर का पता भी नहीं पूछा होता है। और अपने घर वालों को भी कुछ नहीं बोल सकती है, क्योंकि उनकी जानकारी के बिना उसने अपने दोस्त को अपने साथ रखा था ।उससे रिलेशन बनाए थे। और उसके दोस्त ने उसको धोखा दिया। उसके पास में खाली उसकी फोटो होती है उसका पता और कुछ नहीं होता है। ऐसे में पुलिस में रिपोर्ट भी नहीं करती है ।और पछताती हुई घर पर बैठ जाती है, और अपनी किस्मत पर रोना रोती है। पर अब क्या हो जब चिड़िया चुग गई खेत ।

और खुद इतने पतन के गड्ढे में गिर गई। सच में ज्यादा पढ़ाई लिखाई करने से भी कुछ नहीं होता है। लोगों को अपनी नैतिकता नहीं छोड़नी चाहिए। अपने संस्कार नहीं छोड़ना चाहिए। आजादी भी नैतिकता के अंदर ही अच्छी लगती है।



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