क्या यही प्यार है
क्या यही प्यार है
रमा का विवाह एक बड़े परिवार में हुआ था उसका पति रौनक दिन में उससे कोई बात नहीं कर पाता था यहाँ तक कि जी भर कर एक दूजे को निहारने का भी मौका उन्हें नहीं मिल पाता था। अपना व्यापार होने के कारण सुबह जाकर रात को देर से ही रौनक कालौटना हो पाता था। दोनों को रात के सीवा कभी मौका नहीं मिलता था एक दूसरे से बात करने का उसमें भी रात तक रमा बुरी तरह थक जाती थी।
सारे अरमान मानो धूल धुसरित हो गये थे कहीं बाहर जाने का मौका भी नहीं मिला था रमा छिप - 2अपने अरमानों को आँसुओं के हवाले करती रहती थी जो रौनक की नजर से छिपा नहीं था लेकिन वो बड़ो का बहुत लिहाज़ करता था। पर रमा को भी दिलो जान से चाहता था मगर वो करे भी क्या चाह कर भी वो रमा को ना कहीं लेकर जा सकता था या उसके लिए कुछ ला सकता था क्योंकि उसके आते ही उसके भाई - बहन उसे घेर लेते थे। रौनक तो रोज ही देर से आता था लेकिन उस दिन वो थोड़ी और देर से आया सब सो चुके थे ।
रमा खाने के साथ एक प्लेट और चम्मच भी लेते आना कमरे की तरफ जाते हुए रौनक ने रसोई की तरफ जाती हुई रमा से कह कर अपने कमरे में चला गया।
जैसे ही रमा कमरे में आई रौनक ने जल्दी से दरवाजा बंद कर दिया और अपनी जैकेट से एक लिफाफा निकाला जो काफी गरम था, उसमें रमा के मनपसंद नूडल्ज़ थे। रमा खुश तो हुई लेकिन रौनक का पेट जल गया था जैकेट के अंदर गरम नूडल्ज़ रखने से रमा रौनक के सीने से लगकर रो पड़ी - आज के बाद इस तरह कुछ मत लाना आपने इतना दर्द कैसे सहा मेरी जान, सोच - 2 कर मेरी जान निकल रही है। रमा ने सिसकते हुए बोला ।
इस संसार में मुझे तुमसे प्रिय और कोई नहीं और मैं
तुम्हें कोई खुशी नहीं दे पा रहा हूँ इसके लिए मुझे माफ कर दो। मैंने सोचा भी नहीं था कि हमारी जिंदगी ऐसी होगी लेकिन रमा मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, रौनक ने नूडल्ज़ की प्लेट रमा की तरफ बढा़ते हुए कहा।
मैं समझती हूँ सब कुछ, आप मुझे इतना चाहते हैं यही मेरे लिए काफी है आपने कितना दर्द सहा मेरे लिए क्या यही प्यार है रौनक ? रमा ने प्लेट थामते हुए पूछा।
हाँ यही प्यार है मेरी जान, जल्दी खाओ नहीं तो नूडल्ज़ ठंडे हो जाऐंगे और दोनों खिलखिलाहट कमरे में गूँज पड़ी।

