वो हिम्मत दे गया
वो हिम्मत दे गया


कोरोना के दौरान कितने ही लोगों का काम ठप्प हो गया कोरोना तो हर तरह से कहर बन कर बरपा हम इंसानों पर खास तौर पर जो रोज के कमाने खाने वाले थे उनका बहुत बुरा हाल हो गया फिर भी इस कठिन दौर में भी कुछऐसे बेमिसाल लोग हैं जो हमें प्रेरणा देकर कठिनाइयों से लड़ना सिखाते है और आगे बढ़ने की राह दिखाते है कि कैसे हमें घबराने के बजाए हिम्मत से काम लेना चाहिए।
एक साधारण सा व्यकित भी असाधारण कार्य करके हमें कैसे जीना सीखा देता है प्रेरणा दे जाता है तो मैं बताती हूँ आपको एक खास इंसान के बारे में जो मेरे दिल पर छाप छोड़ गया, बात पंद्रह अप्रैल की है उस दिन मेरी गली में एक सब्जी वाला आया आवाज़ कुछ जानी पहचानी सी थी इसलिए मैं उसे ठीक से देखे बिना ही मुड़ गई लेकिन उसने आवाज़ देकर मुझे बुलाया - दीदी मैं सब्जी लाया हूँ, आपने सोचा होगा कि ये तो झाड़ूवाले भैया हैं, है न दीदी ?उसने चहकते हुए पूछा।
मैंने आश्चर्य से उसे देखते हुए हाँ में सर हिलाया ।"क्या करूंँ दीदी, पहले दस दिन तो मैं घर पर ही बैठा रहा फिर मैंने सोचा कि जब किसी के पास काम ही नहीं है तो मुझसे प्लासटिक का सामान, झाड़ू,पोछा कौन खरीदेगा ? अब खरीदार ही नहीं है क्योंकि किसी के पास भी पैसे ही नहीं है ,लोगों का खाना पीना हो जाए वही बड़ी बात है , फिर मैंने सोचा क्यों न मैं कोई ऐसा काम करूँ जिससे मेरी कुछ कमाई हो जाए ठेला तो मेरे पास था ही अपने दोस्त से मैंने तराज़ूउधार ले लिया और सब्जी लाकर बेचने लगा, पता है दीदी जो लोग सब्जी बेचते है मैंने उनसे सब्जी मंडी के बारे में पूछा तो किसी ने मुझे बताया भी नहीं कि सब्जी मंडी कहाँ है ।
लेकिन मैंने हार नहीं मानी और ढूँढ कर खुद ही वहाँ पहुँच गया।"बहुत अच्छा किया भैया, इस महामारी के समय आपहमें हरी सब्जियां ला कर दरवाजे पर दे रहे आपको जितना भी धन्यवाद दूँ कम है । बस आप अपना ख्याल रखना भैया ,सेनेटाइजर है आपके पास ? और सबसे दूर से ही बात करना नाक मुँह को ढक कर रखना हैं समझे भैया? दस्ताने भी खरीद लेना " मैने उसे समझाते हुए कहा।
"हाँ दीदी, ये देखो सेनेटाइजर, और मासक तो पहन ही रखा है आज दस्ताने भी खरीद लूँगा, मैं रोज आऊँगा दीदी आप मुझसे ही सब्जियाँ खरीदना ।अच्छा दीदी मैं आगे जा रहा हूँ" कहते हुए वो आगे बढ़ गया और मैं उसे प्रसंशा भरी नजरों से देखती रह गई ।