अंजान सफर
अंजान सफर
मेरी तो कोई सुनता ही नहीं है अब बोलो क्या करोगे ?
मैं इसीलिये कह रही थी कि रिया को कराटे सिखाने की जरूरत नहीं है अब उसे कैसे भेजेंगे इतनी दूर ? अब है कोई जवाब आपके पास ?
मैं कहीं नहीं भेजने वाली अपनी बेटी को अकेली लड़की इतने सारे लड़कों के साथ कैसे सफर करेगी ? मुझे नहीं खिलाना राज्य सतर पर नहीं चाहिए कोई मैडल।
अब बस भी करो सीमा क्यों इतना परेशान हो रही हो ? मैं रिया का दुश्मन नहीं हूँ, रिया के कोच ने मुझे बता कर ही रिया को दिल्ली भेजने का फैसला किया है और मैंने उसी दिन टिकट बुक करा लिया था। हम तीनों का और वहाँ रहने के लिए होटल में कमरा भी बुक करा लिया है। हमारी बेटी हमारे साथ जायेगी, प्रैक्टिस के समय हम उसे कोच के पास छोड़ आएंगे प्रैक्टिस के बाद अपने साथ ले आएंगे, रिया के पिता ने कहा।
देखो सीमा लड़की होने का अर्थ ये नहीं कि हम उसकी इच्छाओं को मार दें। वो इतना अच्छा कर रही है हमें उस पर गर्व होना चाहिए। जीवन का हर सफर जाना पहचाना नहीं होता। कुछ सफर अनजाना भी होता है जिस पर चल कर हम सफल भी हो सकते हैं। अगर हमने अपनी मर्जी रिया पर थोपी होती तो शायद आज हमारी बेटी इतनी सफल नहीं होती। रिया के पिता ने समझाने के अंदाज में बोला।
ठीक कहा आपने कभी कुछ अलग पहचान बनाने के लिए अंजान सफर पर भी चलना पड़ता है। मैं दिल्ली चलने की तैयारी करती हूँ सीमा ने मुस्कराते हुए कहा।
