क्या इन्सान हैं वो ??
क्या इन्सान हैं वो ??
आप और आपकी पार्टी के लिए भारत की जनता का समर्पण ऐसा कि....
वफा की राह मे गर्दो गुबार होने तक।
मैं तेरे साथ हूं मेरा शिकार होने तक।।
पर मुझे क्या, आपको भी नहीं लगता कि रोज उसी जनता को नोच-नोचकर उसके इस अपराध का फल दिया जा रहा है प्रतिदिन!
आज फिर एक लड़की की लाश उसके पिता की गोद मे डाल दी गई, आज फिर सफदरजंग अस्पताल ने अपनी हार मान ली, आज फिर एक बेटी ने आपके राजमहल के दरवाजे पर इंसाफ की आस में तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया।
हैवानियत भी ऐसी की बलात्कार के बाद जीभ काट दिया गया ताकि वो बोल ना सके, गर्दन की हड्डी तोड़ दी गई ताकि वो घर भी न जा सके, उसके सारे हाथ-पैर पैरालाइज हो चुके थे।
कैसे बतायें महाराज हम आपको अपनों की कमी कुछ सिक्कों से पूरी नहीं की जा सकती? आपके पुलिस के मुखिया को अभी तक तो ये भी पता नहीं चला है कि हाथरस की उस 19 वर्षीया लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था 14 दिन पहले, और जिलाधिकारी उसके परिवार को 10 लाख सहायता राशी भेजकर ट्विट भी कर चूके हैं।
क्यों न मेरे दिमाग में ये आये कि गरीब परिवार की आवाज को दबाने का प्रयास किया गया है इन 10 लाख रूपयों के बोझ तले?
क्यों न सोचूं मैं की इसमें आपकी भी रजामंदी होगी क्योंकि उत्तम प्रदेश मे तो पत्ता भी नही हिलता आपकी अनुमति के बिना?
सूबे के मंत्री मोहसिन रजा से सवाल पुछने पर 2017 के पहले के बलात्कारों का आँकड़ा बताने लगते हैं कैसे निर्जीव लोग है श्रीमान आपके मंत्रीमंडल मे?
महोदय उनसे पुछियेगा जरूर शायद सच बोलें आप से क्या उनकी आत्मा नहीं कांप गई थी पहली बार ये खबर सुनकर?
पुछियेगा जरूर क्या महसूस करने की कोशिश किया था उन्होंने जिंदगी और मौत के बीच उसके आत्मा कंपा देनेवाले दर्द को आंकड़े गिनाने के पहले?
क्या इन्सान हैं वो??
सर एक लड़की का बलात्कार आपका विधायक स्वयं करता और फिर उसको सरे बाजार सामान की तरह बेच देता है और आपका दुसरा विधायक उस दुराचारी को यशस्वी बोलकर सम्मान देता है।
कितना हृदय विदारक होगा वो दृश्य जब ऐंड़ी से चोटी तक आग से जलती तड़पती एक बिटिया 2 किमी भागकर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने आती है और फिर वो भी दम तोड़ देती है।
ऐटा, कौशांबी, शिवनी, सीतापुर बलात्कार कांड क्या-क्या याद दिलायें श्रीमान? आपने ही तो नारा दिया था "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" क्या हुआ आपके संकल्पों का मुख्यमंत्री जी?
पाल रखे हो कैसे-कैसे, ये सरकारी तुमने कर्मवीर,
तने खड़े है हाथरस मे भी, हां उन्नाव सरीखे धर्मवीर।
बलात्कार तो हुआ नही था, ज्ञान हमे सच आज हुआ,
बोले मुखिया आज पुलिसीया,हैं शायद वो विक्रांत वीर।।