Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win

Shalini Dikshit

Romance

4  

Shalini Dikshit

Romance

कुरियर : द न्यू डाकिया

कुरियर : द न्यू डाकिया

5 mins
24.2K


"तनु ओ तनु! क्या आज दिन भर मोबाइल में ही लगी रहोगी चलो अब तैयार हो जाओ?" प्रिया थोड़ा गुस्से में बोली।

"हाँ मौसी! अभी तैयार होती हूँ।" बोलकर तनु प्रिया के पास गई और उसके गले में बाहें डालकर लाड दिखाने लगी।

"मेरी अच्छी मौसी तुम नहीं जानती मैं इस बार बीस साल की हो गई हूँ; मतलब कि टीनएज पूरी कर ली है और हॉस्टल से दूर भी हूँ तो सब लोग इंस्टाग्राम पर स्टोरी डाल रहे हैं, इतने मैसेज कर रहे हैं तो आप ही बताओ अब क्या सबको जवाब नहीं दूं मैं? इसलिए मोबाइल में लगी हूँ।" तनु अपनी बात को समझाते हुए बोली और प्रिया से पूछा, "अच्छा एक बात बताइए मौसी आप लोग कैसे मनाते थे बर्थडे वगैरह सेलिब्रेट कैसे करते थे?"

"बेटा हम तो बहुत ही खास जनरेशन के लोग हैं; हम तो तुम सब की तरह इंटरनेट का भी मजा ले रहे हैं और अपनी मम्मी की तरह कार्ड्स और चिट्ठी का भी मजा लिया है। हमारे समय में तो एक होड़ सी लगी रहती थी कि किसका कार्ड एग्जैक्ट उसी दिन पहुंचेगा न एक दिन पहले न ही एक दिन बाद में।" प्रिया ने हंस कर जवाब दिया।

बातें करते हुए दोनों तैयार होती रही, प्रिया तनु को बाहर ले जा रही थी खाना खिलाने। तनु प्रिया की बड़ी बहन की इकलौती बेटी है जीजा जी को ट्रेनिंग के लिए कंपनी की तरफ से अमेरिका जाना था साथ में दीदी भी जा सकती थी लेकिन वह तनु को हॉस्टल में अकेला छोड़कर जाना नहीं चाहती थी। प्रिया ने दीदी को जबरदस्ती भेज दिया और कहा, "सिर्फ 6 महीने की तो बात है तनु छुट्टियों में मेरे पास आकर रह लेगी मेरा भी अकेलापन दूर हो जाएगा।"

"यह क्या मौसी की क्या पहना आपने बूढो जैसा?" प्रिया को देख तनु बोली।

"इसमें क्या बुराई है बोलो तो जरा तुम?" प्रिया बोली।

"मौसी कोई अच्छा सा पहनो एकदम तड़कता-भड़कता पार्टी जैसा, मुझसे तुम तेरह साल ही बड़ी हो यह सौ साल बड़ी जैसा बिहेव मत किया करो।"

"अच्छा जी मैडम जी चलो आज आपकी बात मान लेती हूँ।"

"अच्छा मौसी आप इतनी ब्यूटीफुल है आपने शादी क्यों नहीं करी?"- तनु ने सवाल किया।

क्योंकि अगर शादी करती तुम्हारे जैसी एक शैतान लड़की मेरी भी हो जाती है फिर कैसे संभालती दो-दो लड़कियों को इसीलिए नहीं करी।" प्रिया बोली फिर दोनों हंस पड़े।

खाना खा पी के वापस आने के बाद तनु तो सो गई लेकिन प्रिया की आंखों से आज नींद कोसों दूर है शादी वाले सवाल के कारण उसका दिल अतीत की गलियों में घूमने लगा जहां वह फिर शेखर से रूबरू हो गई दोनों कितने अच्छे दोस्त थे लेकिन जैसे ही प्रिया को आभास हुआ कि शेखर उसकी तरफ खींचता जा रहा है उसने अपने कदम रोक लिए वह समझती थी कि शेखर का दूसरी जाति का होना उसकी मां को पसंद नहीं आएगा और मां का दिल वह दुखाना नहीं चाहती थी क्योकि पिता की मृत्यु के बाद मां ने बहुत ही कठिनाइयों से दोनों बेटियों का पालन पोषण किया था। लेकिन शेखर की छाप उसके दिल पर ऐसी पड़ी थी कि वह शादी के लिए अपने आप को कभी राजी नहीं कर पाई।

आज शेखर कहां होगा कैसा होगा अब तक तो उसकी शादी हो ही गई होगी, यही सब सोचते-सोचते उसकी कब आंख लग गई पता ही नहीं चला सीधे सुबह ही खुली।

वह जल्दी-जल्दी ऑफिस जाने की तैयारी करने लगी तब तक तनु भी उठ के आ गई

"बेटा तुम दिन में पढ़ाई करना और मैंने खाना बनाकर रख दिया है खा लेना।" प्रिया ने तनु को समझाया।

"आप आराम से जाए मौसी मैं बाकी का सारा काम कर लूंगी।" तनु प्यार से बोली

आज ऑफिस में भी प्रिया का मन नहीं लग रहा था, कल रात की सोच उस पर हावी थी दिन भर व खुद को वर्तमान में लाने की कोशिश करती रही साथ ही उसको मां की भी याद आ गई की अंतिम समय में उसकी मां को एक ही मलाल रह गया था कि प्रिया की शादी नहीं हो पाई थी।

इतने में तनु का फोन आ गया।

"हां बोलो बेटा।" उसने फोन उठाते ही कहा।

"मौसी मैंने फेसबुक पर कल की फोटोस पोस्ट करी है और आपको टैग किया है आप देखना कितना अच्छा कैप्शन लिखा है- टू सिंगल लेडीस मी एंड माय मौसी।" तनु बहुत उत्साह से बोली।

"ओह! मुझे क्यों टैग किया मैं फेसबुक पर यह सब बात नहीं करती हूं।" प्रिया ने तनु को डाटा।

"ठीक है मौसी सिर्फ एक बार आगे से नहीं करूंगी, ओके!"

"गुड गर्ल ठीक है मैं देख लूंगी फोटोस।"

तनु से बात करके प्रिया का मूड थोड़ा अच्छा हो गया था।

अब जीवन फिर से अतीत से निकलकर वर्तमान की पटरी पर आ गया है।दो-तीन दिनों में तनु की छुट्टियां भी खत्म होने वाली थी उसको हॉस्टल जाना है प्रिया उसके लिए खाने पीने का सामान और चीजों की पैकिंग करने में लगी रहती है।

दरवाजे की घंटी बजी तो प्रिया ने आवाज दी, "तनु जाकर देखो कौन है?"

"मौसी कुरियर से कुछ सामान आया है. आपने कुछ मंगवाया था क्या?"

"मैंने नहीं मंगवाया, अभी देखती हूं हो सकता आफिस से कुछ आया हो तुम रख दो।"

तनु पैकेट मेज पर रख कर अंदर चली गई प्रिया अपना काम करती रही। कुछ देर बाद प्रिया पार्सल का पैकेट खोलते हुए बेडरूम में चली गई की आराम से देखेगी क्या है, क्योंकि पैकेट में नाम नहीं दिख रहा था किसने भेजा है।पैकेट खोलते ही वह एकदम चौक गई अंदर बहुत ही सुंदर सी पायल हैं और एक पत्र भी, किसने भेजा है बड़ी उत्सुकता के साथ उसने पत्र खोला।

डियर प्रिया,

तुमने पायलिया वाले गाने पर कॉलेज के प्रोग्राम में डांस किया था तभी तुम्हारे लिए पायल भेज रहा हूं; वह डांस आज भी मुझे अच्छी तरह याद है तुमको नहीं पता लेकिन मैं कुछ महीनों से फेसबुक पर तुमको ढूंढ लिया और फॉलो कर रहा था फ्रेंड रिक्वेस्ट नहीं भेजी सोचा तुम्हारा परिवार होगा मेरा डिस्टर्ब करना ठीक नहीं लेकर 4 दिन पहले फोटो देखी तुम्हारी, शायद तनु है वह तुम्हारे साथ तुम्हारी भांजी जिस की बातें तुम कॉलेज में भी बहुत करती थी तुम अपने उसी पुराने घर में रहती हो यह भी जान गया तभी यह पार्सल भेज पा रहा हूं क्योंकि उस घर का पता मुझे मालूम है।

मेरे घरवाले मुझ पर दबाव डाल रहे हैं शादी करने का मैं अब तक टालता रहा क्योंकि तुम सा कोई मिला ही नहीं, अब मम्मी नाराज होती हैं कि शादी की उम्र निकली जा रही है तुम कब हां बोलोगे।

तो क्या तुम मेरी शादी की उम्र निकलने से पहले मुझसे शादी करोगी?

तुम्हारा शेखर

मोबाइल नंबर

अपने दोनों गालों पर बह आये आंसुओं को पोंछते हुए प्रिया मोबाइल उठा कर शेखर को फोन करने लगी।


Rate this content
Log in

More hindi story from Shalini Dikshit

Similar hindi story from Romance